
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, श्रीनगर : आदिल ठोकर के घर को ध्वस्त करने की कार्रवाई पर पुलिस या सुरक्षाबलों की तरफ़ से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.
पुलिस ने पूछताछ के लिए कई लोगों को हिरासत में भी लिया है, लेकिन इसको लेकर कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की है. आदिल ठोकर के परिवार का कहना है कि 25 अप्रैल की रात सेना और पुलिस उनके घर पहुंची थी.
आदिल ठोकर की मां शहज़ादा बानो कहती हैं, “रात के 12:30 बजे तक सेना और पुलिस के लोग यहां मौजूद थे. मैंने उनसे माफ़ी मांगते हुए कहा कि हमारे साथ इंसाफ किया जाए और पूछा कि हमारी क्या ग़लती है. लेकिन उन्होंने मुझसे चलने को कहा और हमें दूसरे घर में भेज दिया.”
उन्होंने बताया, “रात के 12.30 बजे जबरदस्त ब्लास्ट हुआ. पूरे मोहल्ले को 100 मीटर दूर रहने के लिए कहा गया. सभी लोगों को वहां से हटा दिया गया. कुछ लोग सरसों के खेतों में चले गए और कुछ ने दूसरे घरों में शरण ले ली.”
शहज़ादा बानो ने कहा, “हमारे घर में उस समय कोई नहीं था. मेरे दो बेटे और पति को पुलिस ने बंद कर दिया है. हमारे पास कोई सहारा नहीं बचा है.”
शहज़ादा बानो ने बताया कि आदिल साल 2018 से ग़ायब है.