
अशाेक यादव, लखनऊ। 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। शिक्षक अभ्यर्थी अपनी लड़ाई को कहीं से भी कम नहीं होने देना चाह रहे हैं। ऐसे में सरकार के पास से अपनी गुहार को पहुंचाने के लिए आए दिन सड़कों पर धरना दे रहे है। नियुक्ति की मांग को लेकर 160 दिनों से प्रदर्शन पर डटे अभ्यर्थियों का सब्र गुरुवार को फिर टूट गया।
सामान्य व आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने दोपहर 3:00 बजे बीजेपी दफ्तर का रुख किया। अभ्यर्थी कार्यालय की ओर बढ़ी रहे थे कि पुलिस ने उन्हें मुख्य द्वार पर रोक लिया। इस दौरान महिला अभ्यर्थियों ने गेट पर ही घेराव कर प्रदर्शन शुरू किया। अभ्यार्थी सरकार से 69000 शिक्षक भर्ती मामले में शेष पदों को तत्काल भरे जाने की मांग करने लगे।
भारतीय जनता पार्टी कार्यालय के सामने करीब 20 मिनट तक चले विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस तमाम जतन करती रही, मगर अभ्यर्थी हटने को तैयार ना हुए। माहौल बिगड़ता देख पुलिस ने अभ्यर्थियों की गिरफ्तारी शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच कई बार धक्का-मुक्की भी हुई। अभ्यर्थियों को काबू करने के लिए पुलिस को बल भी प्रयोग करना पड़ा। अभ्यर्थियों को पुलिस ने बस में भरकर इको गार्डन भेज दिया।
क्या है अभ्यर्थियों की मांग?
अनारक्षित की कट ऑफ 67.11 के नीचे 27% आरक्षण दिया जाए। ओबीसी वर्ग को इस भर्ती में 18598 में से मात्र 2637 सीट मिली है। उनका कहना है कि ओबीसी वर्ग को इस भर्ती में 27% की जगह मात्र 3.86% ही आरक्षण मिला है। वहीं एससी वर्ग को इस भर्ती में 21% की जगह महज 16.6% आरक्षण मिला है। जो की पूरी तरह गलत है। बीते करीब 5 महीने से अभ्यर्थी इको गार्डन में अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
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