
अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती से कथित गैंगरेप और मौत को लेकर अब घमासान बढ़ता ही जा रहा है। हाथरस में पुलिस ने रेप पीड़िता के गांव में पूरी तरह से किलेबंदी कर दी है और नेताओं से लेकर मीडिया की एंट्री को बैन कर रखा है।
किसी भी नेता या मीडिया वालों को पीड़िता के घर तक जाने नहीं दिया जा रहा है। गुरुवार को राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत कई कांग्रेसी नेता हाथरस जाने की कोशिश में थे, मगर पुलिस ने उन्हें भी नहीं जाने दिया।
ठीक उसी तरह आज यानी शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस के सांसदों को भी पुलिस ने गांव में प्रवेश करने से रोक दिया है। फिलहाल, हाथरस कांड के बाद से योगी सरकार और यूपी पुलिस विपक्ष के निशाने पर आ चुकी है। इधर, लखनऊ में सपा कार्यकर्ताओं का भी प्रदर्शन जारी है।
टीएमसी की ममता ठाकुर ने कहा कि हमलोग पीड़िता के परिवार से मिलने जा रहे थे, मगर हमलोगों को नहीं मिलने दिया गया। जब हमने जाने के लिए जोर दिया तो महिला पुलिस कर्मियों ने हमारे ब्लाउज को खींचा और हमारी सांसद प्रतिमा मंडल पर लाठी चार्ज किया, जिससे वह गिर गईं। पुरुष पुलिस अधिकारी ने उन्हें टच भी किया। यह शर्मनाक है।
बताया जा रहा है कि हाथरस में पीड़ित परिवार के गांव के बाहर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी है। इतना ही नहीं, हाथरस पीड़िता के घर जाने के क्रम में टीएमसी प्रतिनिधिमंडल में शामिल डेरेक ओ ब्रायन के साथ धक्का-मुक्की की गई है। समाचार एजेंसी एनआई ने वीडियो जारी किया है, पीड़िता के परिवार से मिलने की जिद पर अड़े टीएमसी सांसदों और पुलिस के बीच धक्कामुक्की हुई है और फिर डेरेक ओ ब्रायन गिर गिए।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने मृतक पीड़िता के गांव को पूरी तरह से सील कर दिया है। हाथरस में धारा 144 लगा दी है। राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को भी जाने से रोका जा रहा है। गांव में भी किसी को भी एंट्री नहीं दी जा रही है। हाथरस छावनी में तब्दील हो चुकी है। चप्पे-चप्पे पुर पुलिस का पहरा है। इधर, हाथरस कांड के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए हैं और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।
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