लखनऊ/पटना : पटना के आसरा शेल्टर होम में दो युवतियों की मौत से बिहार में सियासत उबाल पर है. ‘आसरा’ शेल्टर होम की दो युवतियों की मौत के बाद अचानक विवादों में आई मनीषा दयाल पर कानून का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। उसके हाई प्रोफाइल लाइफ के पीछे के सच व आय के साधन से लेकर संपर्कों तक को खंगाला जा रहा है।

इस मामले में गिरफ्तार मनीषा दयाल के साथ सूबे के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री (पीएचईडी) मंत्री विनोद नारायण झा की तस्वीर भी वायरल हुई. मीडिया के सामने आए पीएचईडी मंत्री ने अपनी सफाई दी. मोतिहारी के गांधी मैदान में झंडोत्तोलन करने के बाद बीजेपी कार्यालय पहुंचे पीएचईडी मंत्री ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि मनीषा दयाल से दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं है.
उन्होंने बताया कि बच्चों के एक 20-20 क्रिकेट मैच के उद्घाटन में वे पहुंचे थे. आयोजक द्वारा बुके देने के दौरान आयोजक के बगल में वह खड़ी थी. मंत्री के अनुसार मनीषा दयाल उस समय एक सामाजिक कार्यकर्त्ता के रूप में उपस्थित थी लेकिन अब उसकी काली करतूत सामने आ रही है.
दरअसल, पटना शेल्टर होम में मौत के मामले में गिरफ्तार मनीषा दयाल की बिहार के कई नेताओं के साथ तस्वीरें वायरल हो रही हैं. इसको लेकर एनजीओ संचालकों का पॉलिटिकल कनेक्शन की बात कही जा रही है. कहा जा रहा है कि आसरा गृह की संचालिका मनीषा दयाल ही हैं, लेकिन वो अपने आप को उस शेल्टर होम की कोषाध्यक्ष बता रही हैं. मनीषा का पॉलिटिकल कनेक्शन उनका फेसबुक प्रोफाइल बताता है, जिसमें वो कई तस्वीरों में हाई प्रोफाइल पार्टी और कार्यक्रमों में बीजेपी-जेडीयू और आरजेडी के नेताओं के साथ नजर आ रही हैं.
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