लखनऊ : केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम केवल संवैधानिक पहलूओं पर सुनवाई करेंगे और कुछ नहीं. वहीं राज परिवार की तरफ से वरिष्ठ वकील के राधा कृष्णन का कहना है कि याचिकाकर्ता की भगवान अयप्पा में कोई रुचि नहीं है

त्रावणकोर पंडालम राज परिवार की तरफ से वरिष्ठ वकील के राधा कृष्णन ने कहा ये याचिका हिन्दू धर्म को नुकसान पहुंचाने के मकसद से दाखिल की गई और कल को ऐसे लोग ये भी याचिका ला सकते हैं कि गणेश शिव पार्वती के पुत्र है ही नहीं. ऐसे लोग हिन्दू धर्म को निशाने पर लिए हुए हैं. कोर्ट को ऐसे धार्मिक मामले में दखल नहीं देना चाहिए जिसका लोग पीढ़ियों से पालन करते आये हैं. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीओएक मिश्रा ने कहा कि हम केवल संवैधानिक पहलूओं पर सुनवाई करेंगे और कुछ नहीं. राधा कृष्णन ने कहा कि याचिकाकर्ता की भगवान अयप्पा में कोई रुचि नहीं है, ये केवल मंदिर की गरिमा पर हमला करने के लिए ये याचिका दाखिल की गई है.
राधा कृष्णन मंदिर के 18 पवित्र सीढ़ियों के जिक्र करते हुए कहा कि 41 दिन का संकल्प करना होता है. ये अयप्पा स्वामी की मर्जी से होता है. हिन्दू धर्म में सभी देवताओं का अपना चरित्र है. ये केवल अय्यपा मंदिर का नहीं बल्कि देश के अलग-अलग मंदिर में अपनी अपनी परंपरा हैं.
वहीं दूसरी तरफ सबरीमाल मंदिर में महिलाओं को एंट्री देने के केरल सरकार के फैसले के खिलाफ श्रीराम सेना, हनुमान सेना, श्री श्री अय्यप्पा धर्म सेना, विशाल विश्वकर्मा अयका वेदी ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है. बता दें कि केरल के पत्थनमथिट्टा जिले में सबरीमाला मंदिर है जिसमें 10 से लेकर 50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर रोक है. हालांकि यहां छोटी बच्चियां और बुजुर्ग महिलाएं जा सकती हैं. सबरीमाला मंदिर हर साल नंवबर से जनवरी तक श्रद्धालुओं के लिए खुलता है. मंदिर में प्रवेश को लेकर महिलाओं का कहना है कि उन्हें भी पूजा करने का अधिकार मिले.
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