नई दिल्ली / लखनऊ : राजनायिक के उत्पीड़न के मामले को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पाकिस्तान के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा कि सलाह के लिए राजनयिकों या उच्चायोग को बुलाना एक सामान्य सी प्रक्रिया का हिस्सा है. ऐसा करना कुछ भी अलग या नया नहीं है. भारत ने भी ऐसा ही किया है. इसमें कोई भी परेशान करने या तंग करने जैसी बात नहीं है. जब भी ज़रूरत होती है भारत भी दुनिया के अलग अलग देशों से अपने राजनयिकों को सलाह के लिए बुलाता है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को चाहिए की वह अपनी शिकायतों को मीडिया की जगह राजनयिक माध्यम से उठाए. हम विएना कंवेंशन को पूरी तरह से लागू करते हैं.
भारत का पक्ष रखते हुए रवीश कुमार ने कहा कि इस्लामाबाद में हमारे राजनयिकों को परेशान किया जाता है. हमनें इस मुद्दे को पाकिस्तान के सामने रखा भी है. हम चाहते हैं कि पाकिस्तान हमारी शिकायत पर ध्यान दें और नियमों के मुताबिक ही वहां मौजूद हमारे अधिकारियों को सुरक्षा और सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं. साथ ही उन्होंने कहा कि हम डिटेल में नहीं जाना चाहते न ही इसे पब्लिसाइज करना चाहते है. हम पाक के आरोपों का जवाब नहीं देना चाहते. हम अपने मुद्दे डिप्लोमैटिक चैनल के ज़रिये उठाते हैं और आगे भी उठाएंगे. पाकिस्तान हमारे डिप्लोमैट की सेफ़्टी गारंटी करें.
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने भारत पर अपने डिप्लोमैट को तंग करने का आरोप लगाते हुए उन्हें वापस बुलाया था. पाकिस्तान सरकार ने भारत पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत दिल्ली स्थित अपने उच्चायुक्त सोहेल महमूद को इस्लामाबाद तलब किया था.
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि पाकिस्तान ने अपने उच्चायुक्त को बैठक के लिए बुलाया है ताकि दिल्ली में पाकिस्तान के राजनयिकों को परेशान करने की जो घटनाएं हो रही हैं उस पर आगे क्या फैसला हो इस पर सलाह मशविरा किया जा सके. पाकिस्तानी उच्चायुक्त दिल्ली तब लौटेंगे जब पाकिस्तान इस मुतल्लिक अपना कोई फैसला कर ले.
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