अशाेक यादव, लखनऊ। हाल ही में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुयी समाजवादी पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव ने रविवार को भाजपा की शान में कसीदे गढ़ते हुए कहा कि बहू बेटियों को अब उत्तर प्रदेश में डर नहीं लगता, क्योंकि यहां भाजपा की सरकार है।
पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में अपर्णा ने कहा कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में जनता ने भाजपा को जिताया तो असली बदलाव आया क्योंकि भाजपा के पास संकल्प और अच्छी नीयत दोनों थी। बहू बेटियों को अब यहां डर नहीं लगता, क्योंकि यूपी में भाजपा की सरकार है। अपराधी पलायन कर गए हैं। योगी के कार्यकाल में प्रदेश को गुंडाराज, भ्रष्टाचार, दंगाराज से मुक्ति मिली है।
उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में एक भी घोटाला नहीं हुआ। एक भी दंगा नहीं हुआ जबकि 47 हजार से ज्यादा भूमाफिया और गुंडे जेल में डाले गये। दो हजार करोड़ रूपये की अवैध संपत्तियो पर बुलडोजर चला। युवाओं, नौजवानों को बिना सिफारिश नौकरी मिली।
विधानसभा चुनाव में लड़की हूं लड़ सकती हूं के स्लोगन पर तंज कसते हुये उन्होने कहा “ कांग्रेस के टिकट पर केवल यूपी में ही लड़की लड़ सकती है। पंजाब में कांग्रेस की महिला अध्यक्ष भी अब सवाल उठा रही है। वहां महिला कांग्रेस की 12 कार्यकर्ताओं ने टिकट मांगा था लेकिन एक को भी नहीं मिला। प्रियंका जी आप कैसे लड़की को लड़वाएंगी।”
इस मौके पर प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने कहा “कुछ लोग बदलाव, बदलाव की बात कर रहे हैं। मेरा उनसे सीधा सवाल है उनको बड़ी शिद्दत और उम्मीद से 2012 में कुर्सी पर बिठाया था लेकिन उन्होंने क्या किया। जनता को सब याद है। उन्होंने वादों की पोटली को कचरे के डिब्बे में डाल दिया। उन्होंने एक नई कहानी लिखी जो बदलाव की नहीं बदनाम करने की थी। उत्तर प्रदेश के संसाधनों की लूट की कहानी थी, कहानी युवाओं और नौजवानों की नौकरियों की लूट की थी। कहानी गुंडों, दंगाइयों, बलवाइयों के अत्याचार की थी।”
उन्होंने कहा कि सपा के कार्यकाल में बलात्कारी को कैबिनेट में बिठाया गया। खनन घोटाला, पेंशन घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाला, राशन घोटाला, लैपटॉप घोटाला, शुल्क प्रतिपूर्ति घोटाला, कन्या विद्याधन घोटाला, रिवर फ्रंट घोटाला और नोएडा अथॉरिटी को भी गिरवी रख दिया गया था। इस दौरान मुजफ्फरनगर, सहारनपुर,मथुरा और मऊ दंगो की आंच में झुलसा। लखनऊ में भी दंगाई क्या कर रहे थे। यूपी की जनता नहीं भूली है।