दिल्ली: एक महिला वकील ने अपने पति के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उसके पति ने उसके व उसके परिवार पर 22 शिकायत दायर की हैं। वह आदतन मुकदमेबाज है और इसकी औपचारिक रूप से घोषणा की जाए। न्यायमूर्ति विभू बाखरू ने महिला वकील की याचिका पर अलग रह रहे उसके पति व केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने अधिवक्ता संजय घोष को इस मामले में सहायता के लिए न्याय मित्र नियुक्त किया है। महिला वकील ने अधिवक्ता असद अलवी के जरिये यह याचिका दायर की है। उसका कहना है कि तलाक मांगने के बाद से उसके पति ने कोई भी जांच एजेंसी नहीं छोड़ी है, जहां उसकी शिकायत न की गई हो। वह अभी तक 22 शिकायतें कर चुका है। यह सिलसिला वर्ष 2014 से शुरू हुआ। उसने कई राज्यों की पुलिस, सीबीआई, रॉ, ईडी आदि में शिकायत कर उस पर वेश्यावृत्ति से लेकर, धनशोधन, जासूसी, काला धन रखने, टैक्स चोरी, आतंकी गतिविधियां आदि में शामिल होने तक का झूठे आरोप लगा चुका है।
महिला वकील ने मांग की है कि इस याचिका पर सुनवाई के दौरान उसके पति को अन्य शिकायत दायर करने से रोका जाए, क्योंकि वह बदले की भावना से ऐसा कर रहा है। इसके अलावा इन झूठी शिकायतों की जांच के दौरान हुए खर्च की राशि भी उससे दिलवाई जाए। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में याची के पति का पक्ष जाने बिना वह कोई आदेश जारी नहीं करेगी। यदि जरूरत होगी तो सरकार को उस पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाएगा। याची के वकील ने कहा पति की इन शिकायतों के कारण महिला व उसके बच्चों को समाज में बेइज्जती का सामना करना पड़ता है। सम्मान से जीना मुश्किल हो गया है। यह उनके लिए एक तरह से मानसिक प्रताड़ना है। महिला ने पति पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाते हुए तलाक की याचिका दायर कर रखी है।
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