
अशाेक यादव, लखनऊ। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी को रोकने के लिए विपक्ष का चेहरा बनाए जाने के मुद्दे पर बुधवार को मिलीजुली प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह सब परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। नेतृत्व के मुद्दे पर उन्होंने कहा, “मैं बिल्ली के गले में घंटी बांधने में सभी विपक्षी दलों की सहायता करना चाहती हूं। मैं नेता नहीं, बल्कि आम कार्यकर्ता बनना चाहती हूं।”
बनर्जी ने मंगलवार को कहा था कि विपक्षी दलों की एकता अपने आप आकार लेगी। विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कराने के बाद पहली बार राष्ट्रीय राजधानी आईं बनर्जी ने बुधवार को कहा, “मैं एक साधारण कार्यकर्ता हूं और इसी तरह काम करना चाहती हूं।” उन्होंने भाजपा के चुनावी नारे पर कटाक्ष करते हुए कहा, “मैं सच्चा दिन देखना चाहती हूं, बहुत दिन अच्छे दिन देख लिये।”
पेगासस के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि स्थिति आपातकाल से भी ज्यादा गंभीर है और केंद्र सरकार जवाब नहीं दे रही। तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष बनर्जी ने कहा, “सभी जगह वे प्रवर्तन निदेशालय आयकर विभाग को छापा मारने के लिए भेज रहे हैं। यहां कोई जवाब नहीं दे रहा है। लोकतंत्र में सरकार को जवाब देना चाहिए। स्थिति बेहद गंभीर है, यह आपातकाल से भी ज्यादा गंभीर है।”
बनर्जी से यहां संवाददाताओं ने पूछा कि क्या वह विपक्ष का चेहरा बनना चाहती हैं, जिसके जवाब में उन्होंने कहा, “मैं कोई राजनीतिक भविष्यवक्ता नहीं हूं। यह परिस्थिति, सरंचना पर निर्भर करता है। अगर कोई और नेतृत्व करता है तो मुझे कोई समस्या नहीं। जब इस मुद्दे पर चर्चा होगी तब हम निर्णय ले सकते है। मैं अपना निर्णय किसी पर थोप नहीं सकती।”
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