नई दिल्ली: 1997 में पंजाब के बरनाला में छात्रा की गैंगरेप के बाद हत्या की वारदात का विरोध कर रहे एक्टिविस्ट मनजीत सिंह धनेर को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के मामले में उनकी उम्रकैद की सजा बरकरार रखी है. सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्ते में उनसे सरेंडर करने को कहा है. दरअसल विरोध प्रदर्शन के वक्त एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी. हाईकोर्ट ने इस मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी. पूरा मामला कुछ इस तरह है कि जुलाई 1997 में महलकलां के एक परिवार के लड़कों ने छात्रा किरणजीत कौर को अगवा करके सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसका कत्ल किया और फिर उसकी लाश अपने खेतों में दबा दी थी.
किरणजीत कौर के कातिलों को सजा दिलाने के लिए चल रहे संघर्ष के दौरान ही 3 मार्च 2001 को असामाजिक तत्वों की रंजिशन लड़ाई हो गई थी जिसमें एक 85 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई थी. मनजीत सिंह धनेर, नारायण दत्त व प्रेम कुमार को उस कत्ल केस में उलझा लिया गया था और मार्च 2005 में बरनाला की सैशन कोर्ट ने गवाहियों के आधार पर उनको उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कत्ल केस में सुनाई उम्र कैद की सजा को रद्द करवाने के लिए चले संघर्ष के दबाव के तहत बादल सरकार के समय पंजाब के गवर्नर ने सजा माफ कर दी थी. बाद में हाईकोर्ट ने नरायण दत्त व प्रेम कुमार को बरी कर दिया था लेकिन मनजीत धनेर की उम्र कैद की सजा बरकरार रखी थी, जिसकी सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी.
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