
अशाेक यादव, लखनऊ। फ्रांस के नीस शहर के एक चर्च में आतंकी हमला करने वाला हमलावर ट्यूनीशिया का बताया जा रहा है। वह गत नौ अक्टूबर को फ्रांस पहुंचा था। हमलावर ने गुरुवार सुबह अल्लाहु अकबर नारे लगाते हुए चाकू से एक महिला का सिर कलम करने के साथ दो और लोगों को मौत के घाट उतार दिया था।
बाद में पुलिस ने उसे दबोच लिया था। इस हमले के बाद फ्रांस समेत दुनिया के कई देशों में विरोध प्रदर्शन देखें गए। हालांकि, अब भी देश में और आतंकी हमलों की आशंका जताई गई है। वहीं, अब एक चर्च में संदिग्ध सामान मिलने से अलर्ट जारी किया गया है। फ्रांसीसी पुलिस का कहना है कि मेट्ज में सेंट मार्टिन चर्च के अंदर संदिग्ध सामान बरामद हुआ है।
नीस में हमले करने वाला व्यक्ति हमले को अंजाम देने के लिए तीन चाकू लेकर पहुंचा था। हमलावर से संपर्क के संदेह में 47 साल के एक व्यक्ति को हिरासत में लेने की खबर है। इधर, गृह मंत्री गेराल्ड डारमानिन ने कहा कि फ्रांस ने इस्लामिक कट्टरता के खिलाफ निर्णायक जंग का एलान कर दिया है। इससे देश में और आतंकी हमले होने की आशंका है। इस लड़ाई में हम घरेलू और बाहरी दुश्मनों से एक साथ लड़ रहे हैं।
फ्रांस के आतंक रोधी अभियोजक जीन-फ्रेंकोइस रिचर्ड ने पत्रकारों को बताया, ‘हमें मिली सूचना के अनुसार, हमलावर गत 20 सितंबर को लैम्पेदुसा द्वीप के जरिये इटली में दाखिल हुआ था। इसके बाद वह गत नौ अक्टूबर को पेरिस पहुंचा था। उसका जन्म 1999 में ट्यूनीशिया में हुआ था।’
उन्होंने बताया कि हमले की जांच चल रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या उसके साथ कोई और भी था या नहीं। देश की खुफिया एजेंसियों के पास हमलावर के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसके पास इस्लाम धर्म की पवित्र किताब और दो मोबाइल फोन थे।
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