पंजाब: पंजाब विधानसभा में शुक्रवार को एक विधेयक पारित किया गया जिसमें संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए एक विधेयक पारित कराने के वास्ते केंद्र पर दबाव बनाया गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने यह प्रस्ताव पेश किया और उसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ऐसा प्रस्ताव पारित कराने के लिए हाल ही में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा था। विभिन्न दलों के बीच सहमति नहीं बन पाने के कारण संसद में लंबित महिला आरक्षण विधयेक 2014 में 15वीं लोकसभा भंग होने पर निष्प्रभावी हो गया था।
प्रस्ताव में याद दिलाया गया है कि पंजाब सरकार शहरी स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थानों में पहले ही महिलाओं के लिए 50 फीसद सीटें आरक्षित कर चुकी है। सिंह ने कहा कि विधायिका में आरक्षण से महिलाओं के सशक्तिकरण की उनकी पुरानी मांग पूरी होगी। सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने राज्यसभा से विधेयक पारित कराना सुनिश्चित किया था लेकिन विपक्ष के उदासीन रवैये के चलते लोकसभा में यह निष्प्रभावी हो गया था। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के पारित हो जाने के बाद लोकसभा की 543 सीटों में 181 सीटें और विधानसभाओं की 4109 सीटों में से 1370 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी। बता दें कि यह बिल अगर लागू होता है तो पंजाब में 39 महिलाएं विधायक होंगी।
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