
लखनऊ. दुनिया के घातक कमांडो में शामिल भारतीय नौसेना के मार्कोस (मरीन कमांडो फोर्स) की पहली बार लखनऊ में झलक देखने को मिली। मौका था 11वें डिफेंस एक्सपो का। गुरुवार को वाटर स्कूटर, खास ड्रेस व हाईटेक हथियारों से लैस इन कमांडो ने समुद्री लुटेरों से निपटने और आतंकी हमले को नाकाम करने का अपना हुनर दिखाया। गोमती रिवर फ्रंट के ऊपर मार्कोस कमांडो भारतीय सेना के हेलीकॉप्टर से नीचे उतरे और आतंकी हमले को नाकाम करने का डेमो दिखाया।
5 से 9 फरवरी तक 11वें डिफेंस एक्सपो-2020 का आयोजन किया जा रहा है। बुधवार को गोमती रिवर फ्रंट पर मरीन कमांडो ने हैरतअंगेज करतब दिखाए। भारतीय नौसेना का हेलीकॉप्टर गोमती रिवर फ्रंट के ऊपर गड़गड़ाते हुए पहुंचा। उसमें मार्कोस कमांडो सवार थे। गोमती नदी में नौसेना की एक बोट थी। हेलीकॉप्टर से एक-एक कर मार्कोस कमांडो रस्सी के सहारे नीचे बोट में उतरे। इस दौरान स्कूटर से कोस्ट गार्ड की रक्षा का भी लाइव प्रदर्शन किया गया।
मरीन कमांडो फोर्स (मार्कोस) की स्थापना फरवरी 1987 में की गई थी। मार्कोस का रेजीमेंटल सेंटर मुंबई के अलावा गोवा, विशाखापट्टनम, कोच्चि व पोर्ट ब्लेयर में है। ये कमांडो जल, थल व आकाश में किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने में सक्षम हैं। इन कमांडों ने 26/11 के मुंबई आतंकी हमले और कारगिल युद्ध के अलावा तमाम अहम ऑपरेशनों में हिस्सा लिया है
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