नई दिल्ली/लखनऊ . जेएनयू की हाईलेवल जांच कमेटी ने उमर खालिद के निष्कासन और कन्हैया कुमार पर लगाए गए 10 हजार रुपए के जुर्माने को सही ठहराया है. अफजल गुरू को फांसी देने के खिलाफ जूएनयू कैंपस में लगे कथित राष्ट्रविरोधी नारों के बाद इस कमेटी का गठन किया गया था. पांच सदस्यीय पैनल ने अनुशासन का उल्लंघन करने पर यूनिवर्सिटी के 13 अन्य छात्रों पर जुर्माना भी लगाया था. इसके बाद छात्रों ने दिल्ली हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था. अदालत ने यूनिवर्सिटी को पैनल के फैसले की समीक्षा के लिए मामला किसी अपीलीय अधिकारी के सामने रखने का निर्देश दिया था.
बता दें कि 9 फरवरी 2016 को संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के तीन साल पूरे होने पर जेएनयू कैंपस में छात्रों के एक समूह ने अफजल और जेकेएलफ के को-फाउंडर मकबूल भट की याद में ”द कंट्री ऑफ अ विदाउट पोस्ट ऑफिस” नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें तत्कालीन जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष और उपाध्यक्ष समेत कई छात्र मौजूद थे. आरोप है कि इस कार्यक्रम में ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ और ‘तुम कितने अफजल मारोगे..घर-घर से अफजल नकलेगा’ जैसे नारे लगाए गए थे. एबीवीपी सदस्यों की शिकायत पर यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति रद्द करने के बावजूद इसे आयोजित किया गया। एबीवीपी ने इसे ‘राष्ट्रविरोधी’ कार्यक्रम करार दिया था। इस मामले में देशद्रोह के आरोपों पर फरवरी 2016 में कन्हैया, खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, वे सब अभी जमानत पर हैं.
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