
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में परिसीमन आयोग की सिफारिशों के खिलाफ गुपकर घोषणापत्र गठबंधन द्वारा मार्च निकाले जाने से पहले तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुलला के पुत्र एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सुप्रभात और 2022 का स्वागत।
उसी जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ एक नए साल की शुरुआत जो अवैध रूप से लोगों को उनके घरों में बंद कर रही है और प्रशासन सामान्य लोकतांत्रिक गतिविधि से इतना डरा हुआ है। उन्होंने कहा कि गुपकर गठबंधन के शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन को रोकने के लिए ट्रक हमारे गेट के बाहर खड़े हैं। कुछ चीजें कभी नहीं बदलतीं।
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि एक अराजक पुलिस राज्य की बात करें, तो पुलिस ने मेरे पिता के घर को मेरी बहन के घर से जोड़ने वाले आंतरिक द्वार को भी बंद कर दिया है। फिर भी हमारे नेताओं के पास दुनिया को यह बताने की हिम्मत है कि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं गठबंधन के प्रवक्ता एम वाई तारिगामी ने कहा कि यह दुखद है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन “इतना डरा हुआ है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति नहीं दे पा रहा है। उन्होंने कहा कि यही स्थिति तब और भी खराब हो जाती है जब लोगों को जनता के सामने अपनी राय रखने की भी अनुमति नहीं होती है। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भी नजरबंद किया गया है। उन्होंने कहा कि मेरे घर के बाहर भी एक ट्रक खड़ा है।
पीएजीडी ने जम्मू संभाग में विधानसभा की छह और कश्मीर में एक सीट बढ़ाने के परिसीमन आयोग के प्रस्ताव के खिलाफ शनिवार को श्रीनगर में प्रदर्शन करने की बात कही थी। आयोग की सिफारिशों के बाद जम्मू में सीट संख्या 43 और कश्मीर में 47 हो सकती है।
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