लखनऊ: केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को लेकर एक बड़ा फैसला किया है। अब वहां जारी संघर्षविराम को आगे नहीं बढ़ाया गया है। सेना अब फिर से आतंकियों के खिलाफ अभियान शुरू करेगी। गृहमंत्री ने साफ कहा है कि आतंकवादियों को रोकने के लिए सुरक्षा बलों को सभी जरूरी कदम उठाने की छूट है।
जम्मू-कश्मीर में आतंक और हिंसा से मुक्त पर्यावरण बनाने का सरकार का प्रयास जारी रहेगा। दरअसल वहां संघर्षविराम को दौरान आतंकियों ने राइफलमैन औरंगजेब को अगवा कर हत्या कर दी। इसके अलावा पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या भी कर दी गई। इनसभी वारदातों के बाद केंद्र सरकार के इस फैसले की काफी आलोचना हो रही थी। अब ईद के बाद दिल्ली में हुई बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस सीजफायर को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बात की घोषणा करते हुए ट्वीट किया कि 17 मई 2018 को, भारत सरकार ने निर्णय लिया कि सुरक्षा बल रमजान के पवित्र महीने के दौरान जम्मू-कश्मीर में अभियान नहीं चलाएंगे। यह निर्णय जम्मू-कश्मीर के शांतिप्रिय लोगों के हित में लिया गया ताकि उन्हें रमजान के दौरान एक अनुकूल महौल प्रदान किया जा सके।
अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘यह फैसला जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ पूरे देश के लोगों की तरफ से सराहा गया और आम नागरिकों के लिए राहत लेकर आया। यह उम्मीद की गई थी कि हर कोई इस पहल की सफलता सुनिश्चित करने में सहयोग करेगा। सुरक्षा बलों ने इस अवधि के दौरान अनुकरणीय संयम प्रदर्शित किया जबकि आतंकवादियों ने अपने हमले जारी रखे, जिसकी वजह से कितने निर्दोष और जवानों की मौत हुई जबकि कई घायल हुए।
राजनाथ सिंह ने अपने अगले ट्वीट में लिखा है कि सुरक्षा बलों को निर्देश दिया जाता है कि वे आतंकियों को हमलों, हिंसा और हत्याओं से रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार हिंसा और आतंक मुक्त जम्मू-कश्मीर के अपने लक्ष्यों पर कायम है। कश्मीर में रमजान के महीने के दौरान स्थगित किये गए अभियानों की अवधि नहीं बढ़ाने का फैसला लिया गया है। आतंकवादियों के खिलाफ फिर से अभियान होंगे शुरू होंगे।
एक और ट्वीट में राजनाथ सिंह ने लिखा है कि यह जरूरी है कि सभी समुदायों के शांतिप्रिय लोग आतंकियों को अलग-थलग करने के लिए एकसाथ आएं और जो लोग रास्ता भटक गए हैं उन्हें शांति के मार्ग पर लाएं।
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