मुंबई। कमजोर वैश्विक संकेतों और विदेशी कोषों की लगातार निकासी से घरेलू शेयर बाजारों में लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट रही और मानक सूचकांक सेंसेक्स 567.98 अंक लुढ़क गया। कारोबारियों का कहना है कि निवेशकों ने भारतीय रिजर्व बैंक की बुधवार की मौद्रिक नीति समीक्षा को देखते हुए सतर्कता बरती और लिवाली से दूर रहना बेहतर समझा। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स कारोबार के अंत में 567.98 अंक यानी 1.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ 55,107.34 अंक पर आ गया।
कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 792.91 अंक यानी 1.42 प्रतिशत तक टूट गया था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 153.20 अंक यानी 0.92 प्रतिशत गिरकर 16,416.35 अंक के स्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में टाइटन, डॉ रेड्डीज, लार्सन एंड टुब्रो, एचयूएल, एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस, टीसीएस और नेस्ले को नुकसान झेलना पड़ा। इसके उलट एनटीपीसी, मारुति, एमएंडएम और भारती एयरटेल के शेयर लाभ में रहे।
एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया के कॉस्पी में गिरावट आई, जबकि जापान का निक्की और चीन का शंघाई कंपोजिट मामूली लाभ के साथ बंद हुए। यूरोप के बाजारों में दोपहर के सत्र में गिरावट का रुख देखा जा रहा था। सोमवार को अमेरिका में बाजार बढ़त के साथ बंद हुए थे। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.26 प्रतिशत गिरकर 119.21 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय बाजारों से निकासी का सिलसिला जारी रखा है। शेयर बाजारों के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को विदेशी निवेशकों ने 2,397.65 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की थी।