लखनऊ: आईपीएल सीजन-11 में शीर्ष चारों टीमें प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई कर चुकी हैं। सनराइजर्स हैदराबाद और चेन्नई सुपरकिंग्स के बाद कोलकाता नाइट राइडर्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच अब प्लेऑफ में घमासान देखने को मिलेगा।
वहीं प्वॉइंट्स टेबल में निचले चार पायदान पर मौजूद टीमों की चुनौती का सफर यहीं समाप्त हो गया है। इसमें डिफेंडिंग चैंपियन मुंबई इंडियंस के अलावा आरसीबी, किंग्स इलेवन पंजाब और दिल्ली डेयरडेविल्स का नाम सबसे नीचे है। दिल्ली डेयरडेविल्स ने तो इस सीजन में अपने फैंस को सबसे ज्यादा निराश किया है।
रविवार को फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में दिल्ली डेयरडेविल्स ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। उसने रिषभ पंत के धुआंधार 64 रन की बदौलत 20 ओवर में 4 विकेट पर 174 रन बनाए। रिषभ ने अपनी पांचवीं और कुल 8वीं हॉफ सेंचुरी लगाई। जवाब में मुंबई की पूरी टीम 19.3 ओवर में 163 रन पर पवेलियन लौट गई। इविन लुईस ने 48 और बेन कटिंग ने 37 रन की पारी खेली। नेपाल के 17 साल के स्पिनर संदीप लमिछने ने 3 विकेट लिए।
दिल्ली डेयरडेविल्स की फ्रैंचाइजी ने इस सीजन में अपनी टीम का कप्तान अनुभवी क्रिकेटर गौतम गंभीर को बनाया था, लेकिन टीम के लगातार हारने के बाद गंभीर पर दबाव बढ़ने लगा और उन्होंने कप्तान के पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद युवा खिलाड़ी श्रेयस अय्यर को टीम की कमान सौंपी गई, लेकिन अय्यर भी टीम को प्लेऑफ का टिकट नहीं दिला सके। दिल्ली ने जिन विदेशी खिलाड़ियों को अपने गुट में शामिल किया था, उनका प्रदर्शन इस सीजन में कुछ खास नहीं रहा। मैक्सवेल, मॉरिस और प्लांकेट जैसे खिलाड़ियों ने वैसा प्रदर्शन नहीं किया जिसके लिए वे जाने जाते हैं। जेसन रॉय ने भी शुरू में थोड़ा बहुत दम दिखाया, लेकिन बाद में वो भी सुस्त पड़ गए।
आईपीएल के लगभग सभी सीजन में दिल्ली डेयरडेविल्स का शर्मनाक प्रदर्शन किसी से छिपा नहीं है। प्वॉइंट्स टेबल में इस टीम का निचले पायदान पर रहना अब फैंस के लिए सामान्य बात हो चुकी है। शायद इसी वजह से दिल्ली की टीम अपने पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए पूरे आत्मविश्वास के साथ मैदान पर नहीं उतर सकी।
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