
अशाेक यादव, लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती में हुई आरक्षण की विसंगति में संशोधन के बाद नियुक्ति न मिलने से नाराज चयनित 6800 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। चयनित अभ्यर्थी 30 मई को विधानसभा का घेराव करेंगे। अभ्यर्थियों का कहना है की अधिकारियों की लापरवाही से उन्हें नियुक्ति नहीं मिल सकी।
धरने का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र सिंह पटेल ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा 69000 शिक्षक भर्ती का आयोजन किया गया था, जिसमें आरक्षण की विसंगतियों के कारण आरक्षित वर्ग के कई सारे अभ्यर्थी चयन पाने से वंचित रह गए थे।
चयनित अभ्यर्थी न्याय पाने के लिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग तथा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में याचिका दाखिल की जिसमें लंबे समय तक सुनवाई के बाद यह बात तथ्यों के साथ प्रमाणित हो गया की 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण की विसंगति हुई है, जिस को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपने आदेश में बेसिक शिक्षा परिषद को इन विसंगतियों को सुधारते हुए 6800 अतिरिक्त पदों पर नई सूची जारी करने का आदेश दिया।
इस आदेश के बाद बेसिक शिक्षा परिषद ने लगभग 6800 अभ्यर्थियों की नई सूची जारी की जिसमें केवल आरक्षित वर्ग के ही अभ्यर्थी शामिल हुए इन अभ्यर्थियों को जल्द से जल्द नियुक्ति देने का भी आदेश दिया गया लेकिन कई माह बीत जाने के बाद भी अभी तक अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं हो पाई है।
उन्होंने बताया की इस संबंध में अभ्यर्थीयों ने कई बार बेसिक शिक्षा मंत्री, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह समेत तमाम नेताओं से मिलकर न्याय की गुहार लगाई, लेकिन उनको अभी तक नियुक्ति नहीं मिल पाई। नियुक्ति की मांग को लेकर अब 30 मई विधानसभा का घेराव करेंगे जिसमें प्रदेश भर से 6800 सभी चयनित शिक्षक शामिल होंगे।
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