अहमदाबाद। जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार आए तो ऊना दलित कांड की बरसी पर दलित व मुस्लिमों को ढ़ाढस बंधाने थे लेकिन एक सभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नोटबंदी, जीएसटी आदि नीतियों के खिलाफ जमकर बरसे। उन्होंने कहा उनकी लड़ाई किसी दल व सरकार से नहीं सामाजिक न्याय के लिए है।
अहमदाबाद के सरसपुर में राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच की सभा में आए छात्र नेता कन्हैया ने सीधे आरोप लगाया कि देश में जाति, धर्म व गौरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा के पीछे केन्द्र सरकार का मौन समर्थन है। सरकार अर्थव्यवस्था में सुधार देश की आतंरिक सुरक्षा के मामले में विफल रही है लोग जाति व नाम पूछकर दलितों पर हमले कर रहे हैं, उनका आरोप है कि सरकार संविधान में भी संशोधन करने का प्रयास कर सकती है। देश में जातिवाद, संप्रदायवाद व पूंजीवाद सिर चढ़कर बोल रहा है, सरकार का श्रेय पाकर कथित गौरक्षक कानून अपने हाथ में ले रहे हैं। वहीं दलित मंच के संयोजक जिग्नेश मेवाणी ने गत दिनों फोन पर की गई अपनी अभद्र टिप्पणी के लिए खुले दिले से माफी मांगते हुए कहा कि अगली 50 सभाआओं में वे प्रायश्चित के रूप में माफी मांगेंगे। उन्होंने एक कार्यकर्ता के साथ फोन पर बात करते हुए महिला संबंधी अभद्र टिप्पणी कर दी। उन्होंने राज्य सरकार पर दलितों को कागजों पर जमीन आवंटित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन जमीनों पर प्रभावशाली लोग कब्जा जमाए बैठे हैं।