लखनऊ। केजीएमयू के वरिष्ठ डाॅक्टर पर केस दर्ज हुआ हुआ है साथ ही साथ दंत संकाय के विभागाध्यक्ष प्रो. शालीन चंद्रा पर छेड़खानी का केस दर्ज हुआ है। जिसमें 3 महिला रेजिडेंट डाॅक्टरों ने केस दर्ज कराया है। बताया जा रहा है लैपटाॅप छेड़छाड़, मोबाइल जब्त करने समेत कई धाराओं में केस दर्ज हुआ है। जिसमें दंत विभाग की महिला रेजिडेंट ने पेपर लीक मामले के बाद केस दर्ज कराया है। बता दें कि केजीएमयू में जूनियर डाॅक्टर भर्ती में धांधली की जड़ें काफी गहरी हैं और यहां बैकडोर से वरिष्ठ शिक्षक के रिश्तेदार व अफसरों के बच्चों को नौकरी देने की योजना थी। ऐसे में पेपर लीक कांड अब राजभवन व मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंच गया है। केजीएमयू का राजफाश करने वाले डाॅक्टर ने पत्र में रेलवे अफसर की भी नाम सहित शिकायत की है। दंत संकाय में सीनियर रेजीडेंट की भर्ती परीक्षा में नित नई गड़बड़ी उजागर हो रही है। 21 जुलाई को आयोजित परीक्षा का पेपर 17 जुलाई को वरिष्ठ शिक्षक के पास भेजने के पीछे बड़े खेल की आशंका जताई है।
जिसमें सिर्फ डाॅक्टर के रिश्तेदार ही नहीं, बल्कि प्रभावशाली अफसरों के बच्चों को भी नौकरी देने का एजेंडा था। मामले का पर्दाफाश करने वाले ओरल पैथोलाॅजी एंड माइक्रोबायोलाॅजी विभाग के डाॅक्टर ने राजभवन व मुख्यमंत्री कार्यालय से शिकायत की है। इसमें पेपर लीक प्रकरण उजागर करने पर डाॅक्टर ने आइआरटीएस अफसर पर धमकाने का भी आरोप लगाया है।डाॅक्टर के मुताबिक, परीक्षा में आइआरटीएस अफसर की बेटी भी शामिल थी। राजफाश करने वाले डाॅक्टर ने राज्यपाल व मुख्यमंत्री से पेपर लीक प्रकरण की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि पेपर लीक करना मेधावियों के भविष्य से खिलवाड़ करना है। ऐसे में स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। पेपर लीक प्रकरण की इंटरनल जांच केजीएमयू में शुरू हो गई है। डीन स्टूडेंट वेलफेयर की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने पर्दाफाश करने वाले डाॅक्टर को तलब किया है। इस दौरान पेपर लीक प्रकरण के बारे में पूछताछ भी की। जिसके बाद ही डाॅक्टर ने कमेटी के समक्ष बयान दर्ज करा दिए हैं।
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