नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर पीएम मोदी की टिप्पणी के बाद सियासी संग्राम छिड़ गया है. एक तरफ सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी दलों के बीच इसको लेकर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. तो दूसरी तरफ, शिक्षकों का दो धड़ा भी इस बयान पर आमने-सामने है. दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के 200 से अधिक प्राध्यापकों द्वारा पीएम मोदी के बयान की निंदा और कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा द्वारा शिक्षकों के हस्ताक्षर वाला पत्र ट्वीट करने के बाद ‘एकेडमिक्स फॉर नमो’ संगठन ने पीएम मोदी के बयान का समर्थन किया है.
‘एकेडमिक्स फॉर नमो’ के कोर कमेटी के सदस्य डॉ. स्वदेश सिंह ने कहा कि, ‘भले ही पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई हो, लेकिन तथ्य यह है कि उन्हें बोफोर्स घोटाले में क्लीन चिट नहीं मिली थी’. उन्होंने कहा कि राजीव गांधी का पुत्र होने के नाते राहुल गांधी इस सच्चाई से भाग नहीं सकते हैं कि बोफोर्स सौदे में घोटाला हुआ था और राजीव गांधी का नाम इसमें सामने आया था.
आपको बता दें कि इससे पहले दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के 200 से अधिक प्राध्यापकों ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर पीएम नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर एक सार्वजनिक बयान जारी करके इसे अपमानजनक बताया था. दरअसल, पीएम मोदी ने एक सभा में कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी के राफेल मुद्दे पर निशाना बनाते हुये कहा था कि, ‘‘आपके पिता को उनके दरबारी ‘मिस्टर क्लीन’ कहते थे लेकिन उनके जीवन का अंत ‘भ्रष्टाचारी नम्बर वन’ के रूप में हुआ”.
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