
अशाेेेक यादव, लखनऊ। मध्य प्रदेश के राज्यपाल, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के अनन्य मित्र और लखनऊ के सर्वमान्य नेता रहे लालजी टण्डन पंचतत्व में विलीन हो गए। मंगलवार देर शाम राजकीय सम्मान के साथ लखनऊ के गुलाला घाट पर लालजी टण्डन का अंतिम संस्कार किया गया।
आशुतोष टंडन ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। इससे पहले अंतिम यात्रा में केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह समेत राजनीतिक जगत की तमाम बड़ी हस्तियां शामिल हुईं।
11 जून से मेदांता अस्पताल में भर्ती लालजी टण्डन का आज सुबह 5 बजकर 35 मिनट पर निधन हो गया था। लालजी टण्डन के निधन की खबर लगते ही भाजपा सहित पूरे लखनऊ में शोक की लहर दौड. गयी थी।
मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टण्डन बीते 40 दिनों से बीमार चल रहे थे। मेदांता अस्पताल से टंडन का शव 10ः15 बजे हजरतगंज में त्रिलोकीनाथ रोड स्थित उनके सरकारी आवास पर लाया गया।
राज्यपाल के पुत्र और योगी सरकार में मंत्री आशुतोष टंडन ने लोगों से अपील की थी कि कोरोना संकट काल के कारण लोग अपने घरों में रहकर पूज्य बाबूजी के लिए प्रार्थना करें। लेकिन उनके अंतिम दर्शन के लिए तमाम उनके चाहने वाले पहले ही पहुंच चुके थे।
सबसे पहले उत्तर प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या पहुंचे। उसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पहुंच कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद लगातार उत्तर प्रदेश सरकार के तमाम मंत्रियों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का जमावड़ा अंतिम दर्शन करने के लिए लगा रहा।
 Suryoday Bharat Suryoday Bharat
Suryoday Bharat Suryoday Bharat
				 
						
					 
						
					 
						
					