बीजिंग : डोकलाम के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच चीन ने बुधवार को 15 पेज का बयान जारी किया है। इस बयान में चीन ने भारत को बिना किसी शर्त के अपनी सेना को डोकलाम से हटाने को कहा है। चीन ने कहा कि उसने भारत को डोकलाम में सड़क निर्माण गतिविधि के संबंध में पहले ही सूचित कर दिया था। चीन ने अपनी मांग को दोहराते हुए कहा कि भारत को तुरंत अपनी सेना यहां से हटा लेनी चाहिए। एक दस्तावेज में चीन ने भारत के उन दावों को खारिज कर दिया है जिसमें भारत ने कहा कि चीन सड़क निर्माण के जरिए सीमा क्षेत्र की स्थिति को बदलने की कोशिश कर रहा है।
चीन ने आरोप लगाया है कि भारत भूटान को एक बहाने के तौर पर ही इस्तेमाल कर रहा है, अगर चीन और भूटान के बीच में कोई विवाद है, तो दोनों देशों के बीच ही रहना चाहिए। भारत का इसमें कोई रोल नहीं है।चीन ने अपने बयान में कहा कि भारत इस मुद्दे पर एक तीसरी पार्टी के तौर पर एंट्री कर रहा है। दस्तावेज में कहा गया कि भारतीय सैनिकों का चीनी क्षेत्र में ‘अतिक्रमण’ सीमा की स्थिति को बदलने का वास्तविक प्रयास है, और यह चीन-भारत सीमा क्षेत्र की शांति को कमजोर कर चुका है। दस्तावेज में चीन ने भारत के इस तर्क को खारिज कर दिया है कि भारत, चीन और भूटान के त्रिकोणीय जंक्शन पर सड़क निर्माण भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर कारण है।
बयान में कहा गया है कि चीन अपनी जमीन की रक्षा करने में सक्षम है, कोई भी देश हमारी संप्रभुता को चुनौती नहीं दे सकता है। चीन ने कहा है कि चीनी सेना किसी भी तरह के विरोधी को झेलने की क्षमता रखती है। चीन ने कहा कि भारत के 400 से अधिक जवान 18 जून को करीब 180 मीटर तक चीनी इलाके में घुसे थे। चीन ने कहा कि जुलाई में भी भारत के लगभग 40 जवान एक बुलडोजर के साथ चीन की सीमा में हैं।