
अशाेक यादव, लखनऊ। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में फोरेंसिक मेडिसीन विभाग ने प्रमाणित किया है कि हाथरस मामले में 19 वर्षीय पीड़िता के साथ दुष्कर्म का कोई सबूत नहीं मिला है।
ये सर्टिफिकेट उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे के साथ प्रस्तुत किया है।
इसके मुताबिक, “पीड़िता के साथ वैजिनल और एनल इंटरकोर्स के कोई संकेत नहीं मिले हैं। शारीरिक हमले के जरूर सबूत मिले हैं जिसमें उसकी गर्दन और पीठ पर चोट के निशान पाए गए हैं।”
राज्य सरकार ये लगातार कहती आ रही है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई थी। जबकि पीड़ित के परिवार ने जोर देकर कहा है कि लड़की के साथ दुष्कर्म हुआ था।
इसके अलावा इस मामले के आरोपियों के परिवार भी यही कहते आ रहे हैं कि कोई दुष्कर्म नहीं हुआ था और लड़की को उसके भाई ने पीटा था और चोट के निशान उसी के हैं।
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