
मंगल और चांद की दूरी तय करने के बाद भारत सूर्य तक पहुंचने की तैयारी कर रहा है। इसरो ने सूर्य तक पहुंचने के लिए आदित्य एल-1 मिशन की तैयारी भी शुरू कर दी है। टेस्टिंग और शोध का सिलसिला चल रहा है। यह बातें इसरो, इस्ट्रैक्ट के निदेशक प्रो वीवी श्रीनिवासन ने कही। इसरो के नए प्रयोगों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सूर्य तक अभी किसी भी देश की पहुंच नहीं है। आदित्य एल-1 को 1.5 मिलियन किमी की दूरी तय करनी होगी। इसका ऑर्बिटल पीरियड करीब 178 दिन का होगा।
पीएसआईटी में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने इसरो के कई वैज्ञानिक बुधवार को आए थे। इसरो इस्ट्रैक्ट के निदेशक प्रो. वीवी श्रीनिवासन ने बताया कि इसरो लगातार नए-नए प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। जल्द ही गगनयान को भेजने की तैयारी है। उम्मीद है कि इसे वर्ष 2022 तक सफल हो जाएगा। गगनयान कार्यक्रम के तहत दो अनमैंड और एक मैंड अंतरिक्ष यान भेजा जाना है। इसके जरिए अंतरिक्ष पर मानव के जीवन पर अहम जानकारी मिल सकेगी। यह देश का पहला मानव अंतरिक्ष यान होगा। इस यान से भेजे जाने वाले मानव को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इसरो इस्ट्रैक्ट के निदेशक प्रो. वीवी श्रीनिवासन ने बताया कि चंद्रयान-2 पूरी तरह सफल नहीं हुआ। अंतिम समय में कंट्रोल सिस्टम साफ्टवेयर में तकनीकी गड़बड़ी के कारण रोवर और लैंडर सही ढंग से लैंड नहीं कर पाए। इससे मिशन की पूरी सफलता नहीं हुई। हालांकि आर्बिटर सही ढंग से काम कर रहा है। जल्द ही चंद्रयान-3 की तैयारी चल रही है। मार्च माह से इस पर काम शुरू हो जाएगा। चंद्रयान-2 में जो कमियां सामने आई हैं या गड़बड़ी हुई है, इसे सुधारा जाएगा। चंद्रयान-3 में सिर्फ उतना ही बदलाव किया जाएगा, जो चंद्रयान-2 में कमी मिली है। इस बार चंद्रयान-3 पूरी तरह सफल रहेगा।
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