ब्रेकिंग:

सांसद-विधायकों पर दर्ज मामले HC की अनुमति के बिना नहीं होंगे वापस: उच्चतम न्यायालय

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को आदेश दिया कि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत आरोपी कानून निर्माताओं के विरुद्ध दर्ज आपराधिक मामलों को लोक अभियोजक, उच्च न्यायालयों की अनुमति के बिना वापस नहीं ले सकते।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने यह भी कहा कि वह नेताओं के विरुद्ध दर्ज मामलों की निगरानी करने के लिए उच्चतम न्यायालय में एक विशेष पीठ की स्थापना पर भी विचार कर रही है।

पीठ ने आदेश दिया कि सांसदों और विधायकों के विरुद्ध मामले की सुनवाई कर रहे विशेष अदालतों के न्यायाधीशों का अगले आदेश तक स्थानांतरण नहीं किया जाएगा। उच्चतम न्यायालय ने सभी उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार जनरलों को निर्देश दिया कि वे कानून निर्माताओं के विरुद्ध उन मामलों की जानकारी, एक तय प्रारूप में सौंपें, जिनका निपटारा हो चुका है।

पीठ ने उन मामलों का भी विवरण मांगा है जो निचली अदालतों में लंबित हैं। न्यायालय की सहायता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसारिया और वकील स्नेहा कालिता की रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद पीठ ने आदेश दिया।

पीठ, भारतीय जनता पार्टी के नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा 2016 में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें सांसदों और विधायकों के विरुद्ध आपराधिक मामलों की त्वरित सुनवाई तथा दोषी ठहराए गए नेताओं को आजीवन चुनाव लड़ने से रोकने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

Loading...

Check Also

विश्व पर्यावरण दिवस पर लखनऊ स्टेशन पर आयोजित हुआ वृक्षारोपण एवं जागरूकता कार्यक्रम

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : गुरुवार 05 जून 2025 को विश्व पर्यावरण दिवस के …

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com