दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधि शुक्रवार को अगले दौर की सीमा वार्ता नई दिल्ली में करेंगे. भारत और चीन के बीच डोकलाम में 73 दिनों तक चले सैन्य गतिरोध के बाद पहली बार सीमा मुद्दे पर वार्ता होगी.
विशेष प्रतिनिधियों की 20 वें दौर की वार्ता में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल और चीन के स्टेट काउंसलर यांग जियेची के बीच 4000 किलोमीटर सीमा पर अमन-चैन बरकरार रखने के लिए विचार विमर्श करने की उम्मीद है. वार्ता में डोकलाम गतिरोध को लेकर भी बातचीत होने की संभावना है.
वार्ता के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि चर्चा सीमा मुद्दे पर केंद्रित होगी. उन्होंने कहा , ‘‘निश्चित तौर पर हम इस वार्ता तंत्र को काफी अहमियत देते हैं.’’ वार्ता से पहले, चीन ने मंगलवार को कहा कि डोकलाम घटना ने द्विपक्षीय संबंधों के लिए ‘‘ बड़ी चुनौती’’ पेश की और भविष्य में इस तरह की किसी तकरार को टालने के लिए इस घटना से सबक सीखना चाहिए.
गौरतलब है कि चीन और भारत के सैनिक डोकलाम में 16 जून से एक दूसरे के सामने डटे हुए थे. दरअसल, भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को वहां एक सड़क बनाने से रोक दिया था. चीन उस इलाके में सड़क बना रहा था, जिस पर भूटान अपना दावा करता है. बाद में, 28 अगस्त को भारत और चीन के बीच आपसी सहमति के बाद गतिरोध खत्म हुआ.
चीन की वन बेल्ट वन रोड परियोजना पर भारत के रूख के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि भारत की नीति बहुत स्पष्ट और सुसंगत है.
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