लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि खनन घोटालों के बाद अब रिवर फ्रंट घोटालों में हुई छापेमारी से भ्रष्टाचार में चौतरफा हड़कंप मचा हुआ है। इन कार्रवाइयों से साबित हो रहा है कि अखिलेश यादव जी की सरकार में काम नहीं बल्कि सिर्फ और सिर्फ कारनामे ही हुए और सपाइयों ने मां गोमती तक को भ्रष्टाचार से नहीं बख्शा। अब जबकि प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी की अगुवाई में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ तगड़ी कार्रवाई हो रही है तब भ्रष्टाचारियों को पनाह देने वाले दलों में बौखलाहट मची हुई है और यही वजह है कि ये दल गठबंधन और महागठबंधन का राग अलाप रहे हैं। शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि खनन घोटाले की जांच पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक पहुंचने लगी है। इस बात के पुख्ता प्रमाण मिलने लगे हैं कि खनन घोटाले में गायत्री प्रजापति ही नहीं बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की भी सहभागिता थी और तमाम आईएएस अफसरों की मिलीभगत से प्रदेश में एक बड़ा घोटाला किया गया।
इस घोटाले से देश भर में उत्तर प्रदेश का नाम तो कलंकित हुआ ही, पर्यावरण के साथ भी बड़ा खिलवाड़ किया गया। सपा सरकार में अवैध खनन को लेकर अदालतों और एनजीटी के आदेशों की धज्जियां उड़ाई गईं। और तो और अखिलेश जी ने मां गोमती तक को नहीं बख्शा। गोमती नदी की सफाई और सुंदरीकरण के नाम पर भी सपा सरकार ने खुलेआम भ्रष्टाचार किया और अब इम घोटालों की परतें खुलने लगी हैं। मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्नाथ जी ने सरकार में आते ही रिवर फ्रंट घोटाले की जांच के आदेश दिए थे जिसके बाद तमाम भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज हुए थे। आज लखनऊ समेत देश भर में हुई छापेमारी ने ये साबित कर दिया है कि अखिलेश यादव जी की सरकार में किस कदर भ्रष्टाचार हुआ और काम नहीं बल्कि कारनामे हुए। यही वजह है कि अब जबकि सरकार भ्रष्टाचारियों पर लगाम कसने में जुटी हुई है तब भ्रष्टाचार करने और भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने वाले दलों में खलबली मची हुई है।
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