उरई/जालौन। पकड़े गए वेंडरों को छोड़ने के बाद हुई कहासुनी के मामले में आरपीएफ कमांडेंट ने चौकी इंचार्ज व सिपाही का तबादला कर दिया। उधर कमांडेंट की स्पेशल टीम ने रविवार को भी छापा मारकर चार अवैध वेंडरों को पकड़ लिया। लगातार वेंडर पकड़े जाने से स्थानीय सुरक्षा बलों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लग रहे हैं। बता दें कि 4 सितंबर को मोंठ चौकी इंचार्ज एमडी अहिरवार ने कई अवैध वेंडरों को पकड़ा था और इसकी सूचना कंट्रोल को दी थी पर तैनात सिपाही रामस्वरूप ने बिना चौकी इंचार्ज की अनुमति के वेंडरों को छोड़ दिया था। जब चौकी इंचार्ज ने कारण पूछा गया तो सिपाही उनसे भिड़ गया और अभद्रता की। यह मामला आरपीएफ कमांडेंट उमाकांत तिवारी के पास पहुंच गया था।
उन्होंने इसकी जांच आरपीएफ के सहायक कमांडेंट ग्वालियर सुरेश चंद्रा को सौंप दी थी। जांच अधिकारी ने दोनों पक्षों के बयान लेने के बाद अपनी रिपोर्ट कमांडेंट को सौंप दी थी। इसके बाद कमांडेंट ने चौकी इंचार्ज का तबादला जूही थाने व सिपाही रामस्वरूप का तबादला चित्रकूट कर दिया। इस कार्रवाई हड़कंप मच गया। बावजूद इसके अवैध वेंडरों का संचालन नहीं रुक रहा है। रविवार को कमांडेंट की स्पेशल टीम ने लखनऊ से पुणे जाने वाली पुणे एक्सप्रेस से कल्लू, अमित, राहुल व अमीन समेत चार वेंडरों को पकड़कर उनका अलग अलग धाराओं में चालान कर दिया। गौरतलब है कि इस खबर को अमर उजाला ने 5 सितंबर को प्रकाशित किया था।
वेंडर को छोड़ने के मामले में चौकी इंचार्ज व सिपाही का हुआ तबादला
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