
एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी भगवान परशुराम और उत्तर प्रदेश में लगातार हो रहे ब्राह्मणों के उत्पीड़न का मुद्दा उठाकर ब्राह्मण वोट साधने के चक्कर में है। तो वहीं दूसरी ओर उन्हीं की पार्टी के नेता भगवान राम को लेकर विवादित बयान देते हैं।
दरअसल समाजवादी पार्टी के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष लोटन राम निषाद को भगवान राम के खिलाफ अपशब्द कहने पर पद से हटा दिया गया है।
पार्टी की ओर से यह कार्रवाई उनकी ओर से हाल ही में दिए गए बयान के बाद हुई है। इस मामले में लोटन राम निषाद को हटाकर उनकी जगह एमएलसी राजपाल कश्यप को पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ का नया अध्यक्ष बनाया गया है।
दरअसल लोटन राम निषाद ने कहा था कि भगवान राम काल्पनिक हैं, जैसे फिल्मों के पात्र काल्पनिक होते हैं, वैसे ही भगवान राम भी एक काल्पनिक पात्र हैं।
लोटन राम निषाद ने यह भी कहा था कि उनकी भगवान राम में कोई आस्था नहीं है और अयोध्या में राम का मंदिर बने या फिर कृष्ण का, उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है।
लोटन राम निषाद की ओर से दिए गए इस बयान का वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हुआ था। जिसके बाद अब समाजवादी पार्टी ने उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए बड़ा कदम उठाया है।
लोटन राम निषाद ने कहा था कि उनकी आस्था भगवान राम में नहीं, बल्कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर में है, ज्योतिबा फूले में है, सावित्री बाई फूले में है। क्योंकि इनकी वजह से ही उन्हें बोलने का अधिकार, पढ़ने-लिखने का अधिकार और कुर्सी पर बैठने का अधिकार मिला है।
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