
राहुल यादव, लखनऊ।
अखिलेश यादव ने कहा है कि कोरोना संक्रमण से मुकाबले के लिए हर नागरिक लाॅकडाउन के नियमों का पालन कर रहा है
और यथसामथ्र्य गरीबों, मजबूर लोगों की मदद भी कर रहा है।
राज्य कर्मचारियों ने भी संकट की इस घड़ी में सरकार का पूरा साथ दिया है।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के सहायता कोष में स्वेच्छया दान के साथ अपने वेतन से की गई कटौती भी उन्होंने स्वीकार कर ली है।
इस सबके बावजूद प्रदेश में जून 2021 तक डीए बढ़ोत्तरी और छह भत्तों पर भी रोक लगा दी है।
अल्प वेतन भोगी कर्मचारियों की तो इससे घरेलू अर्थव्यवस्था ही बिगड़ जाएगी और उसका जीना मुश्किल हो जाएगा।
अच्छा होता सरकार अपनी फिजूलखर्ची तथा नेकनामी दिखाने के लिए बड़े-बड़े विज्ञापनों पर रोक लगाने में भाजपा नेतृत्व क्यों हिचक रहा है?
दूसरे राज्यों में उत्तर प्रदेश के लाखों श्रमिक रोजगार की तलाश में गये थे।
अब उनमें से ज्यादातर अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए है।
ऐसी स्थिति में जब सब तरह से आवाज उठने लगी और समाजवादी पार्टी ने यह मांग बार-बार उठायी है कि उत्तर प्रदेश के कामगार जो दूसरे राज्यों में भूखे प्यासे फंसे हुए हैं उनके पास कोई काम धंधा भी नहीं है। इसलिए भाजपा सरकार उन्हें अपने राज्य में वापिस लाने के लिए तैयार तो हो गई लेकिन उनके खान-पान, आवास और इलाज की व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर करनी होगी।
लाॅकडाउन में अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है।
बलात्कारों के बारे में टीम इलेवन बतायें कि बच्चियों का जीवन और सम्मान सुरक्षित क्यों नहीं है?
प्रतापगढ़ में 16 वर्षीय युवती नाबालिग की हत्या।
अलीगढ़ में किशोरी की आत्महत्या सहित अन्य जनपदों में एक माह में ही दर्जनों बलात्कार की घटनायें हो चुकी हैं।
क्या कोई दूसरी टीम इलेवन उत्तर प्रदेश की अराजक स्थिति पर नियंत्रण करेगी?
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