
अशोक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन लागू होने के दौरान ललितपुर जनपद के महरौली में किसानों को ऋण वसूली के नोटिस भेजे जाने पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने सख्त नाराजगी जताई है।
मामले की जानकारी होने पर रविवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने एक बयान जारी कर कहा, ऐसे समय में जब पूरा देश महामारी के चलते लाॅकडाउन है। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसान पहले ही तबाह हो चुके हैं।
लाॅकडाउन के चलते पकी खड़ी फसलों की कटाई नहीं हो पा रही है। ऐसी विपरीत परिस्थितियों में किसानों को वसूली नोटिस घोर अन्याय है।
ग्रामीण बैंकों द्वारा किसानों को नोटिस भेजे जाने से अन्नदाता मानसिक रूप से परेशान हैं। जब लोगों को खाने के लाले पड़े हैं तो ये लोग ऋण कैसे उतारेंगे? कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस घटना से पता चलता है कि योगी सरकार किसानों के प्रति कितनी असंवेदनशील हैं।
लल्लू ने कहा, बैंकों ने किसानों को धमकी देते हुए बड़ी चतुराई से लाॅकडाउन के चलते अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाडने का प्रयास किया है। यह अलग किस्म की प्रशानसनिक बदमाशी है।
लल्लू ने कहा कि दस्तावेजों से पता चलता है कि नोटिस भेजने की तारीख 11 मार्च है, जबकि ऋण राशि जमा करने की अंतिम तिथि 16 मार्च बताई गई है। अब भला पांच दिन में कौन किसान ऋण जमा कर पाएगा।
किसानों को यह नोटिस लाॅकडाउन की घोषणा होने के अगले दिन ही थमाया गया है। यह किसानों का अपमान करने के साथ ही लाॅकडाउन के आदेश का भी उल्लंघन है। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर योगी सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए।
अजय कुमार लल्लू ने किसानों की सम्पूर्ण ऋण माफी की मांग की है। साथ ही यह भी कहा कि लॉकडाउन खत्म होते ही किसानों के नुकसान का आकलन कर तत्काल उन्हें मुआवजा दिया जाए।
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