
अशोक यादव, लखनऊ। मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर जिस तरह से हजारों लोगों की भीड़ इकट्ठा हुई, उसके बाद अब इस पूरे मामले पर राजनीति शुरू हो गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री के बेटे और सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने इसका ठीकरा मोदी सरकार पर फोड़ा है।
आदित्य ठाकरे ने ट्वीट करके कहा कि बांद्रा स्टेशन पर जो मौजूदा स्थिति है,वह केंद्र सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरो के उनके घर वापसी की सही व्यवस्था नहीं करने की वजह से है।
केद्र सरकार इन लोगों के घर जाने की व्यवस्था करने में सक्षम नहीं है। ये लोग भोजन और आश्रय नहीं चाहते हैं, ये लोग घर जाना चाहते हैं।
आदित्य ठाकरे ने कहा कि गुजरात के सूरत में भी इस तरह की तस्वीर लोगों ने देखी। मजदूरों को उनके घर वापस भेजने का इंतजाम नहीं किया गया। कई लोगों ने रुकने और खाना खाने से इनकार कर दिया। पूरे महाराष्ट्र में कुल 6 लाख लोग शेल्टर होम में हैं।
केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच आपसी समन्वय से इन मजदूरों को उनके घर वापस भेजा जा सकता है। बांद्रा में जो भीड़ इकट्ठा हुई थी, वह अब खत्म हो गई है।
वहीं इस घटना पर महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि प्रदेश के मजदूरों को भीड़ लगाने की जरूरत नहीं है। प्रदेश की सरकार ने इन लोगों के खाने-पीने और रहने का इंतजाम किया है।
हमने लोगों को समझा दिया है, लोग अब वापस लौट गए हैं और स्थिति अब काबू में है। अनिल देशमुख ने कहा कि जो लोग बांद्रा स्टेशन पर इकट्ठा हुए उन्हें लगा कि पीएम मोदी ने राज्य की सीमा को खोलने का आदेश दिया है।
मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर दौरान लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाते हुए हजारों की संख्या में लोग जुट गए थे। लोगों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
दरअसल लॉकडाउन को बढ़ाए जाने के बाद बड़ी संख्या में कामगार मजदूर बांद्रा स्टेशन पहुंच गए और ये सभी अपने घर वापस जाना चाहते थे।
यहां जमा हुए मजदूरों का कहना है कि उनके पास खाने के लिए पैसा नहीं है, रोजगार नहीं है, लिहाजा हमे हमारे घर वापस भेजने का इंतजाम किया जाए। मजदूर लगातार मांग कर रहे थे कि हमे घर वापस भेजने का इंतजाम किया जाए।
पुलिस की ओर से यह घोषणा भी की गई कि कोई ट्रेन नहीं चलने वाली है। लेकिन बावजूद इसके जब लोग यहां से नहीं हटे तो पुलिस ने इन लोगों को यहां से हटाने के लिए लाठीचार्ज किया।
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