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लक्ष्मी पूजा का टाइम, दिवाली पूजा विधि और शुभ मुहूर्त दीये जलाने का

499 साल के बाद ऐसा योग आज बन रहा है। दिवाली पर इस बार बहुत ही उत्तम योग बन रहा है। आज पूजन के कई मुहूर्त होने से श्रद्धालुओं को सौभाग्य और समृद्धि के अधिक अवसर मिलेंगे। 14 नवंबर को शनिवार है और अमावस्या की शुरुआत दोपहर में हो रही है।

सौभाग्य योग और स्वाति नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इस बार लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल, वृषभ लग्न और सिंह लग्न में करना श्रेयस्कर होगा। काली पूजा अमावस्या की मध्य रात्रि में करना श्रेष्ठ है। इस बार स्थिर लग्न में लक्ष्मी कुबेर पूजन का पूजन किया जाएगा।

दीपावली पर शनि स्वाति योग से सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। यह योग सुबह से लेकर रात 8 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। दिवाली सर्वार्थसिद्धियोग के साथ ग्रहों की स्थिति भी बहुत उत्तम है। इस बार दिवाली पर शुक्र बुध की राशि कन्या में , शनिदेव स्वराशि मकर में ,राहु शुक्र की राशि वृष में तो केतु मंगल की राशि वृश्चिक में मौजूद हैं।

आज सूर्य तुला राशि में रहेंगे और चंद्रमा शुक्र की राशि तुला में ,पराक्रम कारक ग्रह मंगल गुरु की राशि मीन में , बुध शुक्र की राशि तुला में हैं. ग्रहों की ऐसी स्थिति 499 साल पहले 1521 में थी. दिवाली का पूजन स्थिर लग्न में करना अच्छा होता है

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