
अशाेक यादव, लखनऊ। राज्यसभा सदस्य व कांग्रेस पार्टी के सीनियर लीडर प्रमोद तिवारी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक कारोबारी की मदद करने का आरोप लगाया है। उन्होंने एक पार्लियामेंट्री कमेटी के गठन की मांग की है। जिससे पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो सके।
दरअसल, राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने बीते 15 जून को भारतीय लोकतंत्र का सबसे शर्मनाक दिन बताते हुए भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि कल भारतीय लोकतंत्र के लिए सबसे काला दिन था, जब मुख्य विपक्षी दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नई दिल्ली स्थित कार्यालय पर जाकर दिल्ली पुलिस ने पार्टी के नेताओं को मारापीटा व अपमानित किया।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद यह सबसे शर्मनाक घटना है, जिस बर्बरता पूर्वक कांग्रेसी नेताओं को मारा पीटा गया, वह वास्तविक मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने की कोशिश है।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी द्वारा ईडी का सहयोग नहीं करने की बात का मैं खंडन करता हूं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी स्वयं ईडी के पास जाकर बात कर रहे हैं। यह बातें कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने लखनऊ स्थिति आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए कही।
इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि श्रीलंका में इलेक्ट्रिकल बोर्ड के चेयरमैन ने संसदीय समिति के सामने यह खुलासा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अडाणी ग्रुप को पावर प्लांट का कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए कहा था।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि स्विट्जरलैंड में चौकसी भाई,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे। उन्होंने कहा कि यह वही चौकसी भाई हैं, जो बाद में 20,000 करोड़ रुपये लेकर फरार हो गए थे।
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