नई दिल्ली: मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में अब तक सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार में कुल 5245.73 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. दरअसल, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने गुरुवार को लोकसभा में संबोधित करते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार में कुल 5245.73 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. यह धनराशि वर्ष 2014 से लेकर सात दिसंबर 2018 तक की अवधि के दौरान खर्च हुई है.
लोकसभा में इस मामले से जुड़े एक सवाल का जवाबा देते हुए राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की योजनाओं को लाभार्थियों के बीच पहुंचाने के लिए इस राशि को खर्च किया गया है.
इन योजनाओं के बारे में प्रचार और जागरूकता के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रोनिक और आउटडोर मीडिया का सहारा लिया गया है. केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह ने सरकार की ओर से प्रचार पर खर्च की गई राशि की जानकारी लोकसभा में दी और बताया कि प्रचार-प्रसार में सर्वाधिक खर्च वर्ष 2017-18 में खर्च किया गया, इस वर्ष कुल 1313.57 करोड़ रुपए खर्च किए गये. जिसमें से 636.09 करोड़ रुपए प्रिंट माध्यम, 468.93 करोड़ इलेक्ट्रॉनिक माध्यम, 208.55 करोड़ रुपए आउटडोर पब्लिसिटी पर खर्च किए गए हैं. बता दें कि सरकार ने जो आंकड़ा जारी किया है,
वह 7 दिसंबर तक 2018 तक का है. सरकार द्वारा जारी आंकड़े पर गौर करें तो साल 2014-15 में सरकार ने करीब 980 करोड़ (979.78 करोड़) रुपये विज्ञापनों पर ख़र्च किए थे. 2017-18 आते-आते इसमें करीब 33-35 फीसदी का इजाफा हुआ और यह रक़म बढ़कर करीब 1,314 करोड़ रुपये (1313.57) हो गई. सरकार ने बताया है कि विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की योजनाओं के प्रचार पर सूचना, शिक्षा और संचार के माध्यम से खर्च किए गए हैं.
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