
लखनऊ। मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी संग्राम में शनिवार को निर्णायक मोड़ आ गया। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत प्रदेश भाजपा नेताओं के एक दल द्वारा राज्यपाल लालजी टंडन से मिलने के सात घंटे बाद राज्यपाल ने कमलनाथ सरकार को सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने का निर्देश दे दिया।
मध्यरात्रि को जारी पत्र में राज्यपाल ने निर्देश दिया कि अभिभाषण के ठीक बाद सरकार बहुमत साबित करे। विश्वास मत पर वोटिंग बटन दबाकर होगी, अन्य किसी तरीके से नहीं।
इसकी संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जाए। यह कार्यवाही हर हाल में 16 मार्च को प्रारंभ होगी और इस दौरान सदन की कार्यवाही स्थगित, विलंबित या निलंबित नहीं की जाएगी।
राज्यपाल के इस फरमान के साथ जोड़-तोड़ की सियासत करने वालों को तगड़ा झटका लगा है। अनुच्छेद 174 व 175 के तहत आदेश मुख्यमंत्री कमलनाथ को भेजे पत्र में राज्यपाल ने संविधान के अनुच्छेद 174 व 175 (2) एवं अन्य संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए कमलनाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट करवाने का आदेश दिया है।
इससे पहले भाजपा नेताओं ने 16 मार्च से पहले विधानसभा का सत्र बुलाने और फ्लोर टेस्ट की मांग की थी।
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