
अशाेक यादव, लखनऊ। राज्य सरकार ने विकास कार्यों के लिए ग्राम समाज की जमीन देने की प्रक्रिया को और आसान कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को इसके लिए उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता (तृतीय संशोधन) नियमावली 2020 को मंजूरी दे दी है।
इसके मुताबिक विकास कार्यों के लिए ग्राम समाज की जमीन लेने से पहले ग्राम सभा की भूमि प्रबंधन समिति से अनुमति लेना जरूरी होता था। इस अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। विकास के लिए अब एसडीएम की संस्तुति पर डीएम के माध्यम से प्रस्ताव भेजा जाएगा और इसके आधार पर जमीन मिल जाएगी।
वहीं गांवों चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हैं। पंचायत चुनाव अब अगले साल अप्रैल-मई में होने के आसार हैं। प्रदेश सरकार की तरफ से पंचायतों के पुनर्गठन, आंशिक परिसीमन, वार्डों के आरक्षण आदि की प्रक्रिया भी पूरी नहीं की जा सकी है इसलिए राज्य निर्वाचन आयोग यह प्रक्रिया पूरी होने के इंतजार में है।
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज सिंह की ओर से बीते 2 दिसम्बर को जारी शासनादेश के अनुसार 49 जिलों में आंशिक परिसीमन की प्रक्रिया 4 दिसम्बर से शुरू होकर 2 जनवरी तक चलेगी। 3 से 6 जनवरी के बीच नये सिरे से निर्धारित पंचायतों और उनके वार्डों का प्रकाशन किया जाएगा।
आयोग के अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा ने बताया कि वोटर लिस्ट पुनरीक्षण की इस नयी समय सारिणी से उन मतदाताओं को वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वाने के अब दो अवसर मिलेंगे जो आगामी पहली जनवरी को 18 साल की उम्र पूरी कर रहे हैं।
इन वोटरों को 22 जनवरी को वोटर लिस्ट के फाइनल ड्राफ्ट के प्रकाशन से पहले का समय तो मिलेगा ही उसके बाद 22 जनवरी से चुनाव की अधिसूचना जारी होने तक के बीच की अवधि में भी ऐसे वोटरों को और अन्य छूटे हुए वोटरों को अपना नाम जुड़वाने का अवसर मिलेगा।
उन्होंने बताया कि वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए आयोग की वेबसाइट पर आनलाइन आवेदन करने के लिए जल्द ही निर्णय लिया जाएगा, उसके बाद आयोग की वेबसाइट पर नाम जुड़वाने के लिए आवेदन करने के बाबत विण्डो खोली जाएगी।
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