लखनऊ : राजस्थान में कांग्रेस में नेतृत्व विवाद के चलते आलाकमान की परेशानी कम होती नहीं दिख रही है। अब राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने खुद की ओर इशारा करते हुए बयान दिया है कि सीएम का चेहरा सालों से आपके सामने है। उन्होंने यह बयान देकर अपना रुख आलाकमान के सामने स्पष्ट कर दिया है। राजस्थान में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और गहलोत गुट के बीच बंट गई है।
गहलोत ने पत्रकारों से कहा कि वे दस साल राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे हैं और ऐसे में सीएम के चेहरे की आवश्यकता कहा है। उन्होंने कहा कि वे जनता के सेवक हैं और अंतिम सांस तक सेवक रहेंगे। उन्होंने कहा कि वे दिल्ली रहें, पंजाब रहें या गुजरात, लेकिन सेवा राजस्थान की जनता की ही करेंगे। हाल ही यूपीए सरकार में पूर्व मंत्री रहे लालचंद कटारिया द्वारा प्रदेश की कमान सचिन पायलट के बजाय अशोक गहलोत को सौंपने के बयान देकर नेतृत्व विवाद को हवा दी थी।
राजस्थान में कांग्रेस के मुख्यमंत्री उम्मीदवार को लेकर जारी विवाद के बीच पार्टी महासचिव और राज्य के पार्टी प्रभारी अविनाश पांडेय ने शनिवार को कहा कि चुनाव पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. राज्य में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. पांडेय ने पार्टी नेताओं से कहा कि वे ऐसा कोई भी बयान जारी न करें, जिससे पार्टी का अनुशासन भंग होता हो. पांडेय की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब इसके ठीक पहले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उदयपुर में पार्टी की एक बैठक में खुद को मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में पेश किया. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे नेताओं को टिकट नहीं दिया जायेगा.
प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने कटारिया के बयान पर कहा था कि ऐसे बयानों से नेता पार्टी को धोखा दे रहे हैं, गद्दारी कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं के बीच कांग्रेस के कुछ और नेता भी अशोक गहलोत को ही नेतृत्व सौंपने की मांग कर रहे हैं।