नई दिल्ली / लखनऊ : देश में इस समय आग की तरह फैल रही ‘मीटू’ मुहीम की लपटें अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) तक पहुंच गई हैं. एक महिला लेखक ने बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राहुल जौहरी पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. फिलहाल बीसीसीआई की प्रशासनिक समिति ने इस आरोप के बाद अब राहुल जौहरी से जवाब मांगा है. 2016 में बीसीसीआई में आने से पहले जौहरी डिस्कवरी नेटवर्क एशिया पैसिफिक (दक्षिण एशिया) के कार्यकारी उपाध्यक्ष थे. उन पर महिला लेखक ने नौकरी देने के बदले फायदा उठाने के इल्जाम लगाए हैं. महिला लेखक ने अपने ट्वीटर हैंडल पर कुछ स्क्रीनशॉट्स जारी किए हैं जिनमें उन्होंने आपबीती लिखी है महिला ने जौहरी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह उन्होंने अपने घर ले गए जहां उन्होंने महिला से कहा कि यह उनके इंटरव्यू का आखिरी हिस्सा है. ट्वीटर हैंडल पर जारी स्क्रीनशॉट्स के मुताबिक, “राहुल जौहरी मौजूदा समय में बीसीसीअई के सीईओ मेरे पुराने कलीग (सहयोगी) थे. हमारी मुलाकात राज के घर में पार्टी के दौरान हुई थी. इसके बाद वह काफी आगे चले गए. उन्होंने एक बड़ा मीडिया व्यापार खड़ा किया और कई अन्य रास्तों से वह आगे निकल गए. इस दौरान राहुल मेरे टच में थे.”उन्होंने लिखा, “काफी वर्षो तक मैंने अपने आप से कहा, मैंने यह बुरा किया.. लेकिन सच्चाई यह है कि ये सब काफी अचानक हो गया और इस तरह से किया गया कि मुझे यह तक समझने का मौका नहीं मिला की क्या चल रहा है.” क्रिकेट जगत में मीटू (#METOO) का यह तीसरा वाकया है. इससे पहले अर्जुन राणातुंगा और लसिथ मलिंगा पर भी इस तरह के आरोप लग चुके हैं.
उन्होंने लिखा है कि एक होटल में संभावित नौकरी के मौके पर बात करते हुए, वह अचानक उठे और अपने घर चलने को कहा. वह उनकी पत्नी को जानती थी क्योंकि वह उनसे पहले मिल चुकी थीं. जब दोनों राहुल के घर पहुंचे तो उन्होंने घर की चाभी निकाली तब उनसे कहा कि यह क्यों नहीं बताया कि उनकी पत्नी घर पर नहीं है. महिला के मुताबिक घर में उन्होंने पानी मांगा. वो पानी लेकर आए लेकिन उन्होंने पैंट नहीं पहना था और इसके बाद राहुल ने शारीरीक तौर पर प्रताड़ित किया. महिला ने लिखा, “अभी तक मैं इस बुरे हादसे का बोझ उठाते फिर रही हूं और इसके लिए अपने आप को दोष दे रही हूं. मैं इस बात से हैरान हूं कि क्या मैंने ऐसा प्रतीत किया कि मुझे नौकरी की सख्त जरूरत है, मुझे नहीं लगता, लेकिन इन सब से मेरे दिमाग में असमंजस की स्थिति बन गई.