नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और महासचिव राम माधव ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि नॉर्थ ईस्ट में अमित शाह से भी अहम हैं हिमंत सरमा. भाजपा महासचिव राम माधव ने रविवार को कहा कि असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्व सरमा की अहमियत पूर्वोत्तर में क्षेत्र से जुड़े मामलों में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से ज्यादा है. राम माधव ने यह पूछे जाने पर यह बात कही कि 25 सीटों का जिम्मेदार होने के बावजूद सरमा चुनाव क्यों नहीं लड़ सकते जबकि अमित शाह भाजपा अध्यक्ष होने के बाद भी गांधी नगर से चुनाव लड़ रहे हैं. राम माधव ने यहा एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “इसका मतलब यह है कि शायद हिमंता बिस्व सरमा पर अमित से ज्यादा बोझ है,
क्योंकि उन्हें यहां 5-6 सरकारें संभालनी हैं. उन्हें पूर्वोत्तर में पूरे चुनाव का अभियान संभालना है.” दरअसल, भाजपा की राज्य इकाई हिमंत बिस्व सरमा को लोकसभा चुनाव लड़वाने की मांग कर रही थी, लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए ट्वीट किया था कि सरमा को राज्य के विकास और पूर्वोत्तर में पार्टी के आधार को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा गया है. हिमंत सरमा ने भी कहा कि उन्होंने “विनम्रतापूर्वक” फैसले को स्वीकार कर लिया है और क्षेत्र नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाने में अमित शाह को निराश नहीं करेगा.
हालांकि, इससे पहले सरमा ने स्वयं कई अवसरों पर कहा था कि वह 2021 में राज्य में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, साथ ही यह संकेत दिया था कि वह अब एक राष्ट्रीय भूमिका की तलाश में हैं. भाजपा सूत्रों ने कहा कि चुनाव के लिए राज्य इकाई के नामों का पैनल तैयार करते समय उन्हें असम के प्रतिष्ठित तेजपुर संसदीय क्षेत्र के उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया था. हालांकि ऐसा नहीं हुआ. राम माधव ने यह भी कहा कि पार्टी हिमंत सरमा को असम से राज्यसभा में भेजने पर विचार कर सकती है. इतना ही नहीं, एक अन्य भाजपा के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि सरमा पार्टी के युवा सदस्यों और सहानुभूति रखने वालों को मना लेंगे, जो उन्हें टिकट नहीं दिए जाने से नाराज हैं.
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