भारतीय जनता पार्टी के अस्तित्व में आने के बाद से ही आज तक अध्यक्ष पद के लिए भी एक बार भी मुकाबला नहीं हुआ। पार्टी का कहना है कि अध्यक्ष पद के लिए आम सहमति बनाने के बाद ही उम्मीदवार का नाम आगे बढ़ाया गया। वहीं, कांग्रेस और बीजेपी आलोचकों का कहना है कि पार्टी का असल नियंत्रण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पास है।
संगठन के नागपुर मुख्यालय से जिसका भी नाम तय होता है, उसे अध्यक्ष बना दिया जाता है। शायद यही वजह है कि कांग्रेस नेता कमल नाथ सोमवार को भी बीजेपी पर हमलावर नजर आए। उन्होंने कहा, ‘क्या बीजेपी के अध्यक्षों का चुनाव होता आया है? क्या नितिन गडकरी मतदान प्रक्रिया के जरिए चुने गए थे? जवाब पहले उनको देना है।’
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