इस्लामाबाद: आतंकियों की शरणार्थियों बना पाकिस्तान बेशक दुनिया के सामने आतंकवाद पर कार्रवाई के दावे कर रहा हो लेकिन हकीकत में वह अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है । पाकिस्तान का दोगला चेहरा एक बार फिर बेनकाब हो गया है। एक टीवी रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख राशिद अहमद ने अपने ताजा बयान में करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में खालिस्तान समर्थकों को न्यौता देते हुए कहा कि यहां आने पर उनका खुले दिल से स्वागत व खातिरदारी की जाएगी।कहते है ना कुत्ते की पूछ कभी सीधी नही होती, पाकिस्तान पर ये कहावत एकदम सही साबित होती है । कुछ लोग जो सोच रहे थे कि पाकिस्तान अच्छी नियत से कुछ कर रहा है तो ये उनके मुंह पर भी एक तमाचा है।
बता दें कि इससे पहले इंटरव्यू में कहा था कि करतारपुर का का नाम खालिस्तान होना चाहिए। पाक रेल मंत्री शेख राशिद अहमद ने करतारपुर कॉरिडोर मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि, करतारपुर का नाम खालिस्तान स्टेशन रख देना चाहिए। पाकिस्तान पिछले तीन दशकों से करतारपुर कॉरिडोर के लिए प्रयास कर रहा है, लेकिन सुरक्षा समेत कई कारणों से भारत इसके लिए तैयार नहीं था। अब मोदी सरकार इसके लिए तैयार हुई है। हालांकि भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि करतारपुर कॉरिडोर को किसी भी कीमत पर खालिस्तानियों के फायदे के लिए इस्तेमाल नहीं होने देगा।
भारत ने पाकिस्तान से दो टूक कह दिया था कि जब तक करतारपुर कॉरिडोर कमेटी में गोपाल चावला जैसे खालिस्तानी आतंकवादी रहेंगे, तब तक करतारपुर कॉरिडोर पर बातचीत आगे नहीं बढ़ेगी। गौरतलब है कि करतारपुर कॉरीडोर सिखों के लिए सबसे पवित्र धार्मिक स्थानो में से एक है। करतारपुर साहिब सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी का निवास स्घ्थान था। गुरू नानक ने अपनी जिंदगी के आखिरी 17 साल 5 महीने 9 दिन यहीं गुजारे थे। उनका सारा परिवार यहीं आकर बस गया था। उनके माता-पिता और उनका देहांत भी यहीं पर हुआ था। इस लिहाज से यह पवित्र स्थल सिखों के मन से जुड़ा धार्मिक स्थान है।
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