गोण्डा। नाबालिग से दुष्कर्म के मामलों को लेकर डीआईजी ने सख्त रुख अख्तियार किया है। डीआईजी डा. राकेश सिंह ने इसे लेकर जिम्मेदारों के साथ समीक्षा कर पास्को एक्ट की घटनाओं में कार्रवाई की रफ्तार परखी। डीआईजी ने पाक्सो एक्ट के अन्तर्गत 12 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं के साथ घटित दुष्कर्म या दुष्कर्म सहित हत्या से सम्बन्धित महत्वपूर्ण अभियोगों में न्यायालय में साक्षियों के साक्ष्य कराने और प्रभावी रुप से पैरवी करने के लिए साक्षीगणों को निश्चित समयावधि के अन्दर न्यायालय में उपस्थित कराने के सम्बन्ध में परिक्षेत्रीय जनपदों के क्षेत्राधिकारियों प्रभारी निरीक्षकों के साथ अपने शिविर कार्यालय में मीटिंग की। डीआईजी ने मीटिंग में सभी नोडल अधिकारियों, क्षेत्राधिकारियों और प्रभारी निरीक्षकों को निर्देशित किया कि उनके द्वारा चिन्हित किए गए मुकदमों में तत्काल साक्षियों को न्यायालय में उपस्थित कराकर उनके बयान और साक्ष्य दर्ज करवाना सुनिश्चित करें। जिससे पीड़ितों को न्याय व अपराधियों को कड़ी सजा दिलाई जा सके।
उन्होंने कहा कि बाल और महिला अपराध को लेकर और अधिक संवेदनशीलता की आवश्यकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे मामलों में तेज गति से कार्य करने की जरूरत है। डीआईजी ने मीटिंग में सभी नोडल अधिकारियों, क्षेत्राधिकारियों और प्रभारी निरीक्षकों को निर्देशित किया कि उनके द्वारा चिन्हित किए गए मुकदमों में तत्काल साक्षियों को न्यायालय में उपस्थित कराकर उनके बयान और साक्ष्य दर्ज करवाना सुनिश्चित करें।
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