
अशाेक यादव, लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने किसानों के बाद अब बेरोजगारी के कारण युवाओं को भी आत्महत्या के लिये मजबूर होने के मामले सामने आने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि इस तरह की घटनायें सामने आने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी के विकास और शाइनिंग इंडिया के दावे कितने सही हैं, इस पर विचार होना चाहिये।
मायावती ने बेरोजगारी के कारण युवाओं की आत्महत्या के मामलों में उछाल आने को उजागर करने वाली एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से रविवार को इस मामले में चिंता जताते हुये संसद में इस मुद्दे पर बहस कराने से बच रही सरकार की आलोचना भी की।
1. कर्ज में डूबी घुटन का जीवन जीने को मजबूर किसानों द्वारा आत्महत्या की खबरें विचलित करती हैं, किन्तु अब बेरोजगार युवाओं द्वारा भी आत्महत्या करने की विवशता ने राष्ट्रीय चिन्ता, बेचैनी व आक्रोश को और बढ़ा दिया है। फिर भी विकास व इण्डिया शाइनिंग आदि जैसा भाजपा का दावा कितना उचित?
— Mayawati (@Mayawati) February 13, 2022
उन्होंने ट्वीट कर कहा, “कर्ज में डूबी घुटन का जीवन जीने को मजबूर किसानों द्वारा आत्महत्या की खबरें विचलित करती हैं, किन्तु अब बेरोजगार युवाओं द्वारा भी आत्महत्या करने की विवशता ने राष्ट्रीय चिन्ता, बेचैनी व आक्रोश को और बढ़ा दिया है। फिर भी विकास व इण्डिया शाइनिंग आदि जैसा भाजपा का दावा कितना उचित?” उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इस ज्वलंत मुद्दे पर संसद में बहस कराने से इंकार करने को भाजपा की अहंकारी सोच का परिणाम बताया है।
उन्होंने भाजपा को देशहित में अपनी संकीर्ण सोच त्यागने की नसीहत देते हुए कहा है, “भाजपा द्वारा संसद में भी बेरोजगारी की ज्वलन्त राष्ट्रीय समस्या से इंकार करना इनकी यह गलत व अहंकारी सोच नहीं है तो और क्या है? कौन युवा बेरोजगारी का ताना व अपमान सहना चाहता है? भाजपा के लोग अपनी संकीर्ण सोच व मानसिकता को त्यागें तभी देश का कुछ भला संभव।”
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