
नई दिल्ली। सरकार ने सामान्य दूरसंचार नेटवर्क के साथ ही इंटरनेट के जरिये विदेश से की जाने वाली कॉल, सैटेलाइट फोन कॉल, कॉन्फ्रेंस कॉल और संदेशों को कम-से-कम दो साल के लिए सुरक्षित (स्टोर) रखने को अनिवार्य कर दिया है। दूरसंचार विभाग की तरफ से जारी एक परिपत्र में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के लिए अंतरराष्ट्रीय कॉल एवं संदेशों को अनिवार्य रूप से सुरक्षित रखने के बारे में आदेश जारी किया गया है।
दूरसंचार विभाग ने यह कदम गत दिसंबर में एकीकृत लाइसेंस में किए गए संशोधन के बाद उठाया है जिसमें कॉल डेटा रिकॉर्ड के अलावा इंटरनेट ब्योरे को दो साल के लिए सुरक्षित रखना अनिवार्य किया गया था। पहले यह प्रावधान सिर्फ एक साल के लिए ही लागू था। एकीकृत लाइसेंस धारक कंपनियों में भारती एयरटेल, रिलायंस जियो, वोडाफोन जियो, बीएसएनएल हैं।
वे अपने ग्राहकों को सैटेलाइट फोन सेवाओं को छोड़कर सभी तरह की दूरसंचार सेवाएं प्रदान करती हैं। गत शुक्रवार को विभाग की तरफ से जारी इस परिपत्र के मुताबिक, लाइसेंसधारक कंपनियों को कॉल डेटा रिकॉर्ड, आईपी रिकॉर्ड और सभी वाणिज्यिक रिकॉर्ड कम-से-कम दो साल के लिए स्टोर करने होंगे ताकि सरकार सुरक्षा कारणों से उनकी जांच कर सकें।
दो साल की अवधि पूरा होने के बाद कंपनियां इस आंकड़े को नष्ट कर सकती हैं, बशर्ते कि किसी खास मामले में कोई निर्देश न दिया गया हो। एकीकृत लाइसेंस संबंधी प्रावधानों में किए गए बदलाव टाटा कम्युनिकेशंस, सिस्को वेबेक्स, एटीएंडटी ग्लोबल नेटवर्क पर भी लागू होंगे जिन्होंने इन लाइसेंसों को खरीदा है।
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