सावन में शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की खूब भीड़ उमड़ती है। इस महीने में ही कावंर यात्रा भी शुरू हो जाती है। भारत में भगवान शिव के बेहद पुराने महत्वपूर्ण मंदिर भी हैं। माना जाता है कि इन मंदिरों में दर्शन करने से भाग्य खुल जाते हैं। खासकर सावन में यहां दर्शन करने से खास भगवान शिव की कृपा बरसती है। आज हम आपको भोलेनाथ के एक खास मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके तथ्य जानकर आप हैरान जरूर होंगे।
अगर आप सावन के पवित्र दिनों में भगवान शिव के दर्शन करने की सोच रहे हैं तो ओडिशा के टिटलागढ़ में स्थित इस भगवान शिव के मंदिर में दर्शन कर सकते हैं। ओडिशा के जिस टिटलागढ़ में भगवान भोले का यह मंदिर है, वो राज्य का सबसे गर्म क्षेत्र माना जाता है। टिटलागढ़ के कुम्हड़ा पहाड़ पर शिव-पार्वती का मंदिर स्थित है। यहां पर पथरीली चट्टानों के चलते बहुत गर्मी होती है लेकिन मंदिर के अंदर गर्मी का थोड़ा भी असर नहीं होता है, बल्कि मंदिर के अंदर ठंड होती है।
मंदिर के बाहर गर्मी की वजह से भक्तों के लिए थोड़ी देर खड़ा रहना भी मुश्किल होता है। इतनी ज्यादा गर्मी होती है कि कुछ ही देर में लोग परेशान हो जाते हैं लेकिन मंदिर के अंदर पहुंचते ही गर्मी से परेशान भक्त ठंड महसूस करने लगते हैं।
ठंडी हवाओं का वातावरण केवल मंदिर तक ही रहता है। मंदिर के बाहर प्रचंड गर्मी और मंदिर के अंदर ठंड का एहसास होता है। इस रहस्य को जानने के लिए बहुत कोशिशें हुईं है लेकिन कोई निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सका है और यह विषय आज भी रहस्य ही बना हुआ है।
ते है देश का सबसे अनोखा और रहस्मयी शिव मंदिर, दर्शन करके पाएं शिव की कृपा
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