
अशाेक यादव, लखनऊ। तुर्की की एक अदालत ने एक हवाई अड्डे पर कई सैन्य अधिकारियों और नागरिकों को बृहस्पतिवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उन्हें 2016 में तख्तापलट के एक असफल प्रयास में संलिप्तता का दोषी पाया गया। यह जानकारी सरकारी संवाद समिति ने दी।
राजधानी अंकारा के बाहरी इलाके में स्थित अकिंसी हवाई अड्डे पर पिछले तीन वर्षों से 475 लोगों पर मुकदमा चल रहा था जिनमें जनरल और लड़ाकू विमानों के पायलट भी शामिल हैं।
इन सभी पर तख्तापलट करने और संसद भवन के एक हिस्से सहित महत्वपूर्ण सरकारी भवनों पर बमबारी करने का आदेश देने का आरोप है। अमेरिका के मौलाना फतुल्ला गुलेन के नेतृत्व में एक नेटवर्क के संदिग्ध सदस्यों के खिलाफ चल रहे दो मुख्य मुकदमों में यह बड़ा मुकदमा भी शामिल है।
अंकारा का आरोप है कि गुलेन ने विफल प्रयास का षड्यंत्र रचा। गुलेन ने तख्तापलट में संलिप्तता से इंकार किया है। इस कारण करीब 220 लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग जख्मी हो गए। इसमें तख्तापलट के करीब 30 षड्यंत्रकारी भी मारे गए।
अनादोलु संवाद समिति ने बताया कि अदालत ने चार लोगों को देश के खिलाफ अपराध, राष्ट्रपति की हत्या का प्रयास और हत्या के मामले में सजा सुनाई और उन्हें अलग-अलग 79 आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अनादोलु ने बताया कि कम से कम 21 प्रतिवादियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई जिनमें पायलट और कमांडर भी शामिल हैं। अन्य प्रतिवादियों की सजा अभी नहीं सुनाई गई है। अदालत ने कहा कि गुलेन और चार अन्य प्रतिवादियों पर आरोपों को लेकर अलग मुकदमा चलेगा।
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