पंजाबः नवांशहर की एक अदालत ने करीब ढाई साल पुराने मामले में बब्बर खालसा के तीन आतंकियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। तीनों पर सरकार के खिलाफ युद्ध एवं इसकी साजिश रचने की धाराओं 121 व 121 ए के तहत मई 2016 में मामला दर्ज किया गया था। नवांशहर पुलिस ने इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर मई 2016 में थाना राहों के गांव पल्लियां खुर्द से बब्बर खालसा से जुड़े आतंकी अरविंदर सिंह को गिरफ्तार किया था। अरविंदर पर आरोप था कि वह विदेशों में बैठे आतंकियों के इशारे पर बब्बर खालसा के लिए सोशल मीडिया पर युवाओं को सरकार के खिलाफ उकसा रहा था। इसके बाद वह उन्हें संगठन में भर्ती करने का काम कर रहा था। अरविंदर जब दोहा कतर में रह रहा था,
तभी वह वहां बब्बर खालसा के संपर्क में आ गया था। इसके बाद पुलिस ने मामले में पूछताछ शुरू की तो पता चला कि गुरदासपुर के गांव बहादुर सिंह का सुरजीत सिंह और कैथल (हरियाणा) के गांव नोच का रंजीत सिंह अरविंदर के संपर्क में थे। ये तीनों साथ मिलकर काम करते थे। मामले में दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद एडिशनल सेशन जज रणधीर वर्मा की अदालत ने अरविंदर, सुरजीत और रंजीत को दोषी मानते हुए आईपीसी की धारा 121 के तहत उम्रकैद व एक लाख रुपया जुर्माना और आईपीसी की धारा 121 ए के तहत 10 साल कैद व 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी।
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